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सड़क व डिवाइडर,घटिया निर्माण के चलते कुछ ही महीना में हुआ ध्वस्त!...फूल पौधों की सफाई कर रहा कर्मचारी बाल बाल बचा।

सड़क व डिवाइडर,घटिया निर्माण के चलते कुछ ही महीना में हुआ ध्वस्त!...फूल पौधों की सफाई कर रहा कर्मचारी बाल बाल बचा।


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


गाजीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर जनपद के सिद्धपीठ हथियाराम मठ के अति प्राचीन बंगले पर जिला पंचायत विभाग द्वारा लगभग एक करोड रुपए से अधिक की लागत से बने सड़क व डिवाइडर घटिया निर्माण के चलते सोमवार की सुबह अपने आप ध्वस्त हो गया।

गौरतलब हो की 750 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ स्थित बंगले पर अभी कुछ महीने पूर्व ही जिला पंचायत विभाग द्वारा 600 मीटर सड़क व बीच में डिवाइड का निर्माण कराया गया। जिसके लिए विभागीय टेंडर के माध्यम से ₹ एक करोड़ की लागत से निर्माण कराया गया। सड़क के बीचो बीच डिवाइडर पर फूल पौधे लगाने की भी व्यवस्था बनी हुई है। सोमवार की सुबह बंगले के केयरटेकर द्वारा डिवाइडर पर फूल पौधों की जगह उग गए झाड़ियां को साफ किया जा रहा था। तभी अचानक डिवाइडर का काफी बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। जिसमें सफाई कर रहा कर्मचारी बाल बाल बचा। इसके साथ ही उक्त सड़क सिद्धपीठ मठ से लेकर बंगले तक जगह-जगह दलदल के स्वरूप में बैठ गई है। जिससे आने-जाने वाले दर्शनार्थियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वही घटिया निर्माण और धन की लूटपाट के प्रमाण भी स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।

-घटीहा निर्माण से सड़क भी बनी दलदल

गौरतलब हो कि सिद्धपीठ के पास से बंगले तक जाने वाली 600 मीटर सड़क डिवाइडर के निर्माण का जिला पंचायत द्वारा ठेका होने के बावजूद काफी दिन तक लंबित रहा। जिसे कुछ माह पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघचालक डॉक्टर मोहन राव भागवत के आगमन के समय आनन फानन में बनाई गई। उसके बाद सड़क का निर्माण अधूरा ही छोड़ दिया गया था। अभी एक हफ्ते पूर्व उक्त सड़क पर पिच की गई। जो पिच अपने आप उड़ रही है। वहीं जगह-जगह दलदल जैसा भी हो गया है। जबकि अचानक सफाई करने के दौरान डिवाइडर भरभरा कर गिर जाना काफी घटिया निर्माण का द्योतक है।

सिद्धपीठ से जुड़े लौटू प्रसाद प्रजापति, श्रीराम जा, अरुण सिंह, प्रमोद वर्मा इत्यादि ने कहाकि जिलाधिकारी द्वारा उक्त निर्माण की जांच कराते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जाए, संबंधित ठेकेदार व संबंधित अधिकारियों पर भी विभागीय कार्रवाई आवश्यक है। जिससे इस तरह के सरकारी धन के लूटपाट पर रोक लगाई जा सके।

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