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अपने देश की कुछ सबसे बड़ी गौरव गाथाओं में से एक को याद करने का दिन है?





जुलाई सोमवार 27-7-2020


किरण नाई ,वरिष्ठ पत्रकार -अल्पायु एक्सप्रेस


देश के महान वैज्ञानिक, शिक्षक और हमारे भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवे राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि अपने देश की कुछ सबसे बड़ी गौरव गाथाओं में से एक को याद करने का दिन है।

'मिसाइल मैन' और 'जनता के अपने राष्ट्रपति' कहे जाने वाले डॉ कलाम की तमिलनाडु के गरीब मछुआरे परिवार से देश के राष्ट्रपति की कुर्सी तक की यात्रा किसी परीकथा जैसी रोमांचक लगती है। अपनी मिट्टी से गढ़ा हुआ एक ऐसा व्यक्ति जिसे समुद्र ने विशालता दी।


प्रकृति ने निश्छलता। संगीत और कविता ने संस्कार। ज्ञान ने विवेक। आसमान ने सपने। पक्षियों नें परवाज़ अता की। और इस तरह भारत में बना एक अद्भुत, अद्वितीय कलाम। अपनी विद्वता, वैज्ञानिक दृष्टि, दूरदर्शिता, लेखकीय क्षमता, विनम्रता और मृदु स्वभाव के कारण वे अपने देश के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति रहे।


उसके बाद हुआ ऐसा...

शिक्षक तो अद्वितीय थे ही।वर्तमान भारत में वे बच्चों और युवाओं के आखिरी 'रोल मॉडल'। ईश्वर को उनकी जीवंतता, सादगी और उजली हंसी शायद बहुत भा गई। अब किसी और दुनिया में ही लग रही होगी कलाम सर की क्लास !

पुण्यतिथि पर खिराज़-ए-अक़ीदत, कलाम सर ! अगर मौक़ा लगे तो ईश्वर से एक सवाल ज़रूर पूछना कि अरसे से उसने आप जैसे प्यारे-प्यारे लोगों को भारत में भेजना बंद क्यों कर रखा है !

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