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व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के 5 आरोपी पुलिस वालों ने शुक्रवार को गोरखपुर पुलिस में दोबारा ज्वॉनि

गोरखपुर/उत्तर प्रदेश


व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के 5 आरोपी पुलिस वालों ने शुक्रवार को गोरखपुर पुलिस में दोबारा ज्वॉनिंग कर ली।

किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


गोरखपुर:-कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के 5 आरोपी पुलिस वालों ने शुक्रवार को गोरखपुर पुलिस में दोबारा ज्वॉनिंग कर ली। CBI कोर्ट से जमानत पर छूटने के बाद सभी ने यहां पहुंचकर पुलिस लाइंस में अपनी आमद कराई है।

इन सभी को मनीष गुप्ता की हत्या का आरोप लगने पर तत्कालीन SSP डॉ. विपिन टाडा ने सस्पेंड किया था। जबकि, इसके बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि, 16 महीने बाद सभी को जमानत मिल गई है।

अधिकारियों से भी की मुलाकातशुक्रवार को सभी 5 पुलिसकर्मी एक साथ गोरखपुर आए। पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद शाम 4 बजे दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव, आरक्षी प्रशांत कुमार पुलिस लाइन पहुंचे।

सस्पेंड होने की जानकारी देते हुए सभी ने पुलिस लाइन में अपनी आमद कराई। हालांकि, अभी पुलिस वालों का सस्पेंशन विभाग ने बहाल नहीं किया है। इनके खिलाफ चल रही विभागीय जांच अभी जारी रहेगी।

28 दिसंबर 2021 को हुए थे सस्पेंडदरअसल, 27 सितंबर 2021 की रात गोरखपुर के तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की पीटकर हत्या करने का आरोप लगने पर 28 सितंबर 2021 को तत्कालीन SSP डा. विपिन ताडा ने आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश और आरक्षी प्रशांत को सस्पेंड किया था।

*_10 जनवरी को जेल से रिहा हुए 5 पुलिस वाले_*

इसके बाद मामले के तूल पकड़ने पर सभी आरोपियों के खिलाफ मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। जिसके बाद पुलिस लाइन मे आमद कराए बिना ही सभी फरार हो गए। कानपुर SIT की टीम ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

हत्या के मुकदमे में सिर्फ इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर हत्या का आरोप तय होने के बाद 10 जनवरी 2023 को 5 पुलिसकर्मी तिहाड़ जेल से रिहा हुए। क्योंकि, इन पांचों के खिलाफ सिर्फ मारपीट और धमकी देने की धाराओं में आरोप तय हुआ है। वहीं, इंस्पेक्टर जेएन सिंह अभी तिहाड़ जेल में ही बंद हैं। इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने अभी कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी नहीं दी है।

गवाहों को मिली है सुरक्षावहीं, आरोपी पुलिस वालों को जमानत पर रिहा होने के बाद इस मामले के सभी गवाहों को सुरक्षा भी दी जा रही है। इसके लिए CBI कोर्ट ने यूपी DGP को आदेश जारी किया है। मामले के आरोपी 5 पुलिस वालों के जमानत पर रिहा होने के बाद मृतक मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने CBI से सुरक्षा की मांग की थी।

मीनाक्षी गुप्ता की मांग पर CBI ने कोर्ट को बताया कि मामले के मुख्य गवाह मीनाक्षी गुप्ता, मृतक मनीष का दोस्त हरबीर सिंह और होटल मैनेजर आदर्श तिवारी काफी कमजोर गवाह हैं। जबकि सभी आरोपी पुलिसवाले हैं। वे अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं। ऐसे में गवाहों की जान का खतरा है। साथ ही CBI को यह भी आशंका है कि आरोपी पुलिस वाले गवाहों को डरा सकते हैं।

*_अब पॉइंट्स में समझें कब क्या हुआ?_*

27 सितंबर 2021: देर रात गोरखपुर के होटल में पुलिसवालों पर मनीष को पीट-पीटकर मारने का आरोप लगा।

28 सितंबर 2021: पोस्टमॉर्टम के बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की FIR दर्ज, 6 को सस्पेंड किया गया।

29 सितंबर 2021: सुबह परिजन शव लेकर कानपुर पहुंचे। सीएम से मिलने की जिद पर अड़े थे। अंतिम संस्कार करने से भी इनकार किया।

30 सितंबर 2021: प्रशासन के आश्वासन के बाद सुबह पांच बजे मनीष का अंतिम संस्कार किया गया। फिर उसी दिन सीएम ने मनीष की पत्नी से मुलाकात की।

2 अक्टूबर 2021: इस मामले की जांच कानपुर SIT ने शुरू की।

10 अक्टूबर 2021: शाम को रामगढ़ ताल पुलिस ने इंस्पेक्टर जगत नारायण और दरोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया।

12 अक्टूबर 2021: पुलिस ने दरोगा राहुल दुबे और कॉन्स्टेबल प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया।

13 अक्टूबर 2021: पुलिस ने मुख्य आरक्षी कमलेश यादव को गिरफ्तार किया।

16 अक्टूबर 2021: पुलिस ने आखिरी आरोपी दरोगा विजय यादव को गिरफ्तार किया।

2 नवंबर 2021: CBI ने इस मामले में केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की।

7 जनवरी 2022: CBI ने इस केस में सभी पुलिस वालों के खिलाफ हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी।

10 जनवरी 2023: 5 पुलिस वालों को जमानत मिल गई और वह जेल से बाहर आ

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