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विधायकों की खरीद-फरोख्त: जो बिक सकता है, जिसे खरीदा जा सकता है, उसे देशहित में गिरवी क्यों नहीं रखा जा सकता?
जुलाई सोमवार 20-7-20200
किरण नाई ,वरिष्ठ पत्रकार -अल्पायु एक्सप्रेस
विधायकों की धड़ाधड़ खरीद-फरोख्त को देखते हुए एक धांसू आइडिया दिमाग में आया है. आइडिया ये है कि 1991 में अर्थव्यवस्था बिगड़ गई थी तो भारत का करीब 50 टन सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में गिरवी रखा गया था.
भारत में फिर से ऐतिहासिक आर्थिक संकट है. भारत में आजकल विधायक भी खूब बिक रहे हैं और काफी महंगे बिक रहे हैं. 20 करोड़ से लेकर 50 करोड़ के बीच बिकने के आरोप लगते हैं. अगर इन विधायकों को किसी देश के हाथ गिरवी रख दिया जाए तो भारत बहुत बड़ी रकम जुटा सकता है. करीब 4000 विधायक हैं, दस से बीस अरब रुपये मिलेंगे.
जो बिक सकता है, जिसे खरीदा जा सकता है, उसे देशहित में गिरवी क्यों नहीं रखा जा सकता? लेकिन इस आइडिया पर सिर्फ मोदी जी जैसा मजबूत नेता ही अमल कर सकता है.
और अंत में मैं कामना कर रहा हूं कि काश! हमारे देश के नेता इतने अच्छे हो जाएं कि उनके बारे में ऐसा मजाक करना संभव न हो. हे भारत के नेताओं! आप लाखों-लाख जनता की ओर से चुने हुए प्रतिनिधि हैं, प्लीज बिकना बंद कर दीजिए!
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