
अगस्त मंगलवार 11-8-2020
किरण नाई ,वरिष्ठ पत्रकार -अल्पायु एक्सप्रेस
असम के मानव तस्कर गिरोह ने नाबालिग का अपहरण कर सिरसा के गांव जोधकां में बेच दिया। गांव का आरोपित 40 वर्षीय व्यक्ति ने अपने घर में छह माह तक कैद रखकर दुष्कर्म करता रहा, जिससे नाबालिग गर्भवती हो गई। बाल कल्याण समिति ने डिंग पुलिस की मदद से नाबालिग को मुक्त करवा लिया है।
असम की बाल कल्याण समिति ने नाबालिग को छुड़वाने के लिए सिरसा बाल कल्याण समिति को पत्र लिखकर मदद मांगी गई थी। असम के शहर बंगाईगांव से 16 फरवरी 2020 को एक नाबालिग लापता हो गई। इस पर परिजनों ने 17 फरवरी को बंगाईगांव थाने में गुमशुदगी की रपट दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने नाबालिग की तलाश शुरू कर दी
असम पुलिस को संदेह था कि नाबालिग को मानव तस्करी करने वाले गिरोह ने अपहरण कर कहीं पर बेचा है। नाबालिग को खरीदकर जोधकां के एक व्यक्ति ने अपने घर पर कैद करके रखा। नाबालिग को कुछ दिन पहले उस व्यक्ति का मोबाइल हाथ लग गया।
उसे अपनी मां का नंबर याद था और मां को फोन कर दिया। नाबालिग ने सिरसा के एक गांव में कैद होने की बात कहते हुए पूरी कहानी बयां कर दी। नाबालिग की मां ने असम के बंगाईगांव पुलिस व बाल संरक्षण समिति को सूचना दी। वहीं पुलिस को इस व्यक्ति का फोन नंबर की जानकारी दी।
असम बाल संरक्षण इकाई ने सिरसा बाल संरक्षण को पत्र लिखकर जोधकां गांव में नाबालिग के बारे में घटना की जानकारी देते हुए पत्र लिखा। इस पर बाल कल्याण समिति ने डिंग पुलिस को पत्र लिखकर सहयोग मांगा। समिति की टीम डिंग पुलिस को लेकर गांव जोधकां में पहुंची।
इसके बाद पुलिस ने नाबालिग को बाल समिति को सौंप दिया। समिति की अध्यक्ष अनीता वर्मा, सदस्य रेखा रानी व पूर्णिमा मोंगा ने नाबालिग की काउंसिलिंग की। समिति की अध्यक्ष अनीता वर्मा ने नाबालिग की परिजनों से भी बातचीत करवाई। परिजनों से बातचीत कर नाबालिग खुश नजर आई।
बाल कल्याण समिति सिरसा की अध्यक्षा अनिता वर्मा का कहना है कि डिंग पुलिस के सहयोग से नाबालिग को छुड़वा लिया गया है। परिजन जब तक नहीं आ जाते हैं। नाबालिग समिति की देखरेख में रहेगी।
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