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कोरोना काल में बेहतरीन काम करने वाले डॉ. दीपक पांडेय को हटाकर सैदपुर सीएचसी के फिर से अधीक्षक बनाए ग

जुलाई बुधवार 29-7-2020
मोहम्मद इसरार, पत्रकार (सैदपुर)-अल्पायु एक्सप्रेस
सैदपुर। नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक पद पर एक बार फिर से उठापटक शुरू हो गई है। जिसके चलते अपने 6 माह के व कोरोना काल में शानदार काम करने वाले डॉ. दीपक पांडेय की जगह एक बार फिर से पूर्व अधीक्षक रहे मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. जीसी मौर्य के चहेते रहे डॉ. संजीव सिंह को अधीक्षक का चार्ज दिया गया है। इस बाबत डॉ. दीपक पांडेय ने बताया कि सोमवार की रात जिला मुख्यालय से आदेश मिलने के बाद मैंने मंगलवार को डॉ. संजीव सिंह को अधीक्षक का चार्ज सौंप दिया है और आज की कोरोना जांच उनके द्वारा ही कराई गई है। गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है जब डॉ. संजीव सैदपुर सीएचसी के अधीक्षक बन रहे हैं। इसके पूर्व भी वो सीएचसी सैदपुर के अधीक्षक थे लेकिन बाद में उन्हें हटाकर सीएचसी की कमान डॉ. मनोज चौरसिया को दी गई थी। लेकिन मुख्य चिकित्साधिकारी के वरदहस्त के चलते डॉ. मनोज चौरसिया के दौरान हुए उठापटक में ही उन्हें अस्पताल का अधीक्षक बनाया गया। इस बीच किन्हीं आरोपों से उनका स्थानांतरण भी हुआ। लेकिन कुछ माह पूर्व उनका स्थानांतरण पुनः सैदपुर सीएचसी में हुआ और अब 28 जुलाई को उन्हें पुनः अधीक्षक बनाने के लिए जिला मुख्यालय से आदेश भी आ गया। जबकि अपने छोटे से कार्यकाल में डॉ. दीपक पांडेय द्वारा न सिर्फ सीएचसी में प्रशासनिक रूप से बेहतरीन काम किया गया, बल्कि क्षेत्र के कुछेक ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सीज करने की कार्रवाई भी हुई, जो अवैध रूप से संचालित होते थे। आलम ये है कि कोरोना काल में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. जीसी मौर्य भी कोरोना योद्धाओं से दुर्व्यवहार के आरोप लगे। यहां तक कि अभी इसी सप्ताह में जिले के सभी 108, 102 व एसएलएस एंबुलेंस के अधिकारियों ने सीएमओ डॉ. सीजी मौर्य पर उनके साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें गाली देने का आरोप लगाकर उन्हें हटाए जाने की मांग करते हुए डीएम को पत्रक तक भेजा गया था। इसके अलावा सीएमओ पर कई पत्रकारों द्वारा भी आरोप लगाया गया है कि वो उनके साथ संयमित होकर बात करने की बजाय फोन पर तीखे शब्दों में बात करते हैं। सीएमओ डॉ. जीसी मौर्य के जिले में आए 3 साल से अधिक समय हो चुका है और एक ही जिले में इतने लंबे अरसे तक उनके टिकने के पीछे का कारण किसी को समझ नहीं आ रहा है। लेकिन लोगों में चर्चा है कि यूपी सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के करीबी बताए जा रहे हैं और वास्तविकता भी यही है कि यूपी में भाजपा सरकार बनने के बाद ही इनकी तैनाती यहां हुई थी।