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पेश हैं- नेता जी ऑन डिमांड

पेश हैं- नेता जी ऑन डिमांड
जुलाई सोमवार 20-7-2020
किरण नाई ,वरिष्ठ पत्रकार -अल्पायु एक्सप्रेस
एक गांव में 100 लोग रहते थे उनमें 20 बुद्धिमान थे और 80 मूर्ख।
दो लोग चुनाव में खड़े हुए 'आ' और 'बा'।
'आ' ने 20 बुद्धिमानों को रिझाने के लिए उनकी सभी बातों और सवालों का बहुत मेहनत करके समाधान ढूंढ़ा और उन्हें अपना वोट उसे देने के लिए मना लिया।
'बा' बुद्धिमानों के किसी भी सवाल का ठीक ठाक जवाब नहीं दे पाया और बिना समय गँवाए मूर्खों की बस्ती में पहुंचा। मूर्खों ने फ़रमाइश रखी कि, "हमें तो बस ईक गाना सुनाई दो और तनिक भांगड़ा नच के दिखाई दो तो हमारे वोट आपको...वो 'आ' आया था जिसने हमारी यह बात नहीं मानी...घमंडी कहीं का।"
'बा' ने तुरंत फ़रमाइश पूरी करदी...आधे घंटे तक वह अखण्ड नाचता, झूमता और गाता रहा...सभी मूर्ख इतने ज़्यादा खुश हो गए कि उन्होंने 'बा' के जयकारे लगाए, उसे गले से लगाया, उसपर फूलों की बारिश कर दी...उन्हें वह नेता मिल गया था जिसकी उन्हें तलाश थी, उनका अपना नेता, उनके ही जैसा, उनका सच्चा प्रतिनिधि।
अब आप बताइए चुनाव में कौन जीतेगा, आ या बा? कौन चतुर नेता है, आ या बा? क्या आपको यह काल्पनिक कहानी लगती है?