top of page
Search
  • alpayuexpress

इस मुद्दे पर भारत में कोई बात तक करने को तैयार नहीं है क्योंकि डिजिटल हैल्थ मिशन की सारी पोल-पट्टी ख




अगस्त शुक्रवार 21-8-2020


किरण नाई ,वरिष्ठ पत्रकार -अल्पायु एक्सप्रेस


दुनिया भर में अनिवार्य वेक्सीनेशन को लेकर बहस चालू हो गई है लेकिन यहाँ भारत मे कोई बात तक करने को तैयार नहीं है क्योकि डिजिटल हैल्थ मिशन की सारी पोल-पट्टी खुल जाएगी


दो दिन पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कोरोना वायरस वैक्सीन को सभी के लिए अनिवार्य करने के लिये कहा था लेकिन बढ़ते हुए जन दबाव के कारण कल अपनी टिप्पणी वापस ले ली।

कोरोना का यह टीका सिर्फ कोई टीका नही है यह एक तरह का इम्युनिटी पासपोर्ट है...... खबर आई है कि आस्ट्रेलियाई सरकार ऐसे लोगों पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठाने जा रही है, जो लोग कोरोनोवायरस वैक्सीन लेने से इंकार करते हैं। सरकार ऐसे आस्ट्रेलियाई नागरिकों की विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध की योजना बना रही है।

साथ ही, सरकार ऐसे लोगों के रेस्तरां और सार्वजनिक परिवहनों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाने पर विचार करने जा रही है।..... न सिर्फ आस्ट्रेलिया मे लेकिन तमाम पश्चिमी देशों में इसी तरह से सोचा जा रहा है, लेकिन चूंकि वहाँ लोकतंत्र है इसलिए वैक्सीन को अनिवार्य बनाने का तीखा विरोध शुरू हो गया है

अमेरिका में राष्ट्रपति के कोरोना मामले में वैज्ञानिक सलाहकार ओर देश के सबसे बड़े वायरस विशेषज्ञ एंथनी फौसी ने बुधवार को कहा कि सरकार आम जनता के लिए भविष्य में कोई COVID-19 वैक्सीन अनिवार्य नहीं बनाएगी. हालांकि स्थानीय क्षेत्राधिकार इसे कुछ समूहों के लिए अनिवार्य कर सकते हैं.


मशहूर टेनिस खिलाड़ी नोवांन जोकोविक ने भी कुछ महीने पहले बयान दिया कि व्यक्तिगत रूप से मैं टीकाकरण के विरोध में हूं और मैं यात्रा करने के योग्य होने के लिए किसी को वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं करना चाहता हूं।" भारत मे बजाज ऑटो के राजीव बजाज ने भी कहा है कि अगर सरकार इस वैक्सीन को अनिवार्य नहीं बनाती है, तो वो इसका सेवन नहीं करेंगे.


भारत समेत पूरी दुनिया मे इस वक्त अनिवार्य वेक्सीनेशन को सपोर्ट करने के प्रयास किये जा रहे है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन भी अंततः भारत को अनिवार्य टीकाकरण की ओर ले जाने के लिए बनाया गया है,वैक्सीन के डिजिटलीकरण में रिलायंस का जियो डिजिटल प्लेटफॉर्म भी मदद करने जा रहा है जिन्हें इस बात में शक हो उन्हें नीता अंबानी का AGM में दिया गया भाषण ध्यान से सुनना चाहिए


बिल गेट्स की ओर से प्रस्तुत आईडी-2020 प्रोजेक्ट में GAVI की भागीदारी है जो तीसरी दुनिया के देशों में कोरोना वैक्सीन पुहचाने वाला संगठन बताया जा रहा है इसमे भी दुनिया के हर नागरिक को एक यूनिक आइडेंटिटी नंबर और कार्ड दिए जाने की बात है आईडी-2020 ही दुनिया मे वेक्सीनेशन का डिजिटलीकरण करने के लिए बनाया गया प्रोग्राम है


यह बहुत बड़ा सवाल है कि आने वाली दुनिया मे क्या कोरोना का वैक्सीन लगना ही यह तय करेगा कि लगभग दुनिया के हर संविधान में मौजूद स्वतंत्रता और समानता का अधिकार का क्या होगा ? लेकिन अफसोस मीडिया को तो छोड़िए, बुद्धिजीवी वर्ग में भी इसको लेकर कोई बहस नहीं चलाई जा रही हैं

0 views0 comments
bottom of page