जुलाई मंगलवार 28-7-2020
किरण नाई ,वरिष्ठ पत्रकार -अल्पायु एक्सप्रेस
देश की राजनीति में क्यों नेता अपनी ही सरकार गिरवाने पर तुले रहते हैं ? चुनाव पूर्व के गठबंधन और जनता से किये हुए वादे क्यों तोड़ते है ? अब सबसे पहले बिहार की बात , चुनाव पूर्व गलबहियां करते नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के नेता , जिन्होंने बिहारी DNA पर वोट मांगा । क्यों अलग होकर बिल्कुल विपरीत विचारधारा के साथ सरकार बना ली ?
अलग होकर ऐसा कौन सा विकास कर दिया नीतीश ने कि बिहार में बहार आ गई ? अब भी बाढ़ आती है , कोरोना काल में जनता वैसे ही परेशान है , जैसे पहले थी । अगर दोबारा NDA का पार्ट बनना था , तो पहले क्यों अलग हुए थे नीतीश कुमार ? कुछ अलग नही किया सरकार उसी ढर्रे पर चल रही है , जिस पर पहले चल रही थी
कर्नाटक का उदाहरण लीजिये जो कांग्रेसी और JDS के विधायक सरकार गिरा कर गए थे , उन्होंने कौन सा तीर मारा , बस मुख्यमंत्री बदल गए । ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्य के हित में ऐसी कौन सी महान योजना नीति लागू करवाना चाहते थे जिसका कमलनाथ विरोध कर रहे थे ? जिस कारण से कांग्रेस छोड़ी क्या वह कारण बीजेपी में जाकर सुलझ गया ?
अब सचिन पायलट नाराज है । सचिन पायलट पूरे देश को जानकारी दें वह किस मुद्दे पर अशोक गहलौत से नाराज हैं । क्या उनके पास अशोक गहलौत से भी कोई अच्छी योजना है , जो गरीबी मिटा सकती है राज्य का विकास कर सकती है । जिसे अशोक गहलौत लागू नही करना चाहते हैं तो बताएं !
लेकिन भारत के नेताओं के बीच का मतभेद निजी स्वार्थ सिद्धि पर टिका है । धन दौलत ठेका और पद नही मिलने पर वह अपनी पार्टी और वोटर्स से गद्दारी करते हैं ! सीएम बनकर सचिन पायलट क्या - क्या करेगे , इसकी नीति अशोक गहलौत से अलग कैसे है इसको बताना चाहिए ?
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