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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात दबंग स्टाफ नर्स की जांच शुरू,विभाग में मचा हड़कम्प

जुलाई गुरुवार 30-7-2020
दिनेश कुमार डिस्ट्रिक्ट रिपोर्टर, (दुल्लाहपुर )-अल्पायु एक्सप्रेस
बिरनो गाजीपुर। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जब आ धमके अपर स्वास्थ्य निदेशक।जानकारी के अनुसार केंद्र पर कार्यरत स्टाप नर्स के खिलाफ दिये गये शिकायती जांच प्रार्थना पत्र लेकर अपर स्वास्थ्य निदेशक सुनील कुमार ने सर्व प्रथम स्टाप नर्स किरण सिंह व उनके पति से पूछताछ किया।और उनका बयान लिखा।उसी वक्त एक प्रसव परिजन महिला से 1500 सौ रुपये ले चुकी थी और पैसे की मांग कर रही थी।जब उसे मालूम हुआ कि कोई साहब आये हैं तो वह उनके सामने जा पहुंची और स्टाप नर्स किरण सिंह की बखिया उधेड़ डाली।उसकी शिकायत उन्होंने विधिवत सुना और संज्ञान में लिया।वहीं अधिकारी व कर्मचारियों से पूछताछ कर उनका भी बयान लिखा गया।तब पता चला कि स्टाप नर्स किरण सिंह व उनके पति राधेमोहन सिंह दोनों मिलकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अपने मुट्ठी में ले रक्खे हैं।और ये दोनों पति पत्नी पूरी अधिकारियों व कर्मचारियों पर धौंस जमाते हैं।जिससे अधिकारी व कर्मचारीयों में भय ब्याप्त है।पता चला कि डिलेवरी कराना है तो चिकित्सकों को भनक भी नहीं आने देती हैं।जब प्रसव के बाद शिशु नीला पिला होने लगते हैं तो चिकित्सकों को बुलवाती हैं।अगर उनके द्वारा प्रसव में गलत तरीका अपनाया गया है.और उसे सुधार के लिए उन्हें बताया जाता है तो उल्टे स्टाप नर्स किरण सिंह चिकित्सकों से उलझ जाती हैं.और अपशब्द का प्रयोग करती हैं।सभी अधिकारी उनसे ऊब चुके हैं।हम लोगों का कोई अधिकारी जिले पर सुनने वाला नहीं है। अपर स्वास्थ्य निदेशक से उन्हें हटाने की मांग किया। उन्होंने यह भी कहा कि एक तो चोरी दूसरा सीना जोरी.केवल गाली सुनने के लिए हम लोग हैं।अपर स्वास्थ्य निदेशक से दुख के साथ उन्होंने कहा कि हम लोग रहेंगे.तो वो नहीं.अगर वो रहेंगी तो हम लोग नहीं रह पाएंगे।क्योंकि सम्मान से बढ़कर और कुछ नहीं है। वहीं आशाओं ने उनके खिलाफ अपना बयान दर्ज कराया है।यही नहीं एक आशा ने प्रसव के लिए एक महिला को लायी थी।जिससे 5000 हजार रुपये की स्टाप नर्स किरन सिंह ने मांग किया।जिसका आशा ने स्टाप नर्स का विरोध कर कहा कि सभी मरीज एक समान नहीं होते कोई अमीर है तो कोई गरीब ऐसा न करें। जिससे उन्होंने मार पीट कर आशाओं के खिलाफ किरण सिंह ने पुलिस बुला ली।जिस पर आशा संगिनी व आशा बहुओं ने लामबंद होकर उनके खिलाफ जम कर नारेबाजी व धरना प्रदर्शन किया था। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने समझा बुझाकर धरना प्रदर्शन समाप्त कराया था। और स्टाप नर्स किरण सिंह व उनके पति राधेमोहन सिंह को खुद सुधरने को कहा था। फिर कोई शिकवा शिकायत नहीं आनी चाहिए।लेकिन फिर भी उनके अंदर कोई सुधार नहीं आया।और नहीं तो उल्टे अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच करा रही हैं.अधिकारी का शोषण .कर्मचारी का शोषण.प्रसूति मरीजों का शोषण.यह कहाँ का न्याय है।एक तरफ सरकार भ्र्ष्टाचार मिटा रही है.दूसरे तरफ महिला कर्मचारी भ्र्ष्टाचार में लिप्त है। और कह रही हैं कि सरकार में हमारे उच्च पद पर हमारे लोग पदासीन हैं.मुख्य चिकित्साधिकारी मेरे जनपद के हैं.मेरा कोई बाल बांका नहीं कर पायेगा।