top of page
Search
alpayuexpress

NDPS आरोपी की रिपोर्ट पॉजिटिव देने के बदले इंस्पेक्टर राजकुमार कोथमिरे ने रिश्वत में मांगा 2 करोड़ र




बुधवार सितंबर 1-9-2020


किरण नाई ,वरिष्ठ पत्रकार -अल्पायु एक्सप्रेस


भ्रष्टाचार का आरोपी व. नि. राजकुमार कोथमिरे


आज फिर हमने निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे द्वारा अंजाम दी गई घटनाओं और कृत्यों को परखा है जिससे यह साबित होता है कि वह मामलों और जांच में हेरफेर करता है और उसके बदले में रिश्वत के तौर पर चल -अचल सम्पत्ति की मांग करता है और लेने के बाद अभियुक्तों की मदद करता है। इस तरह की कुछ और घिनौनी और चौंकाने वाली हरकतें सामने आई हैं। जिसमें एक बार फिर पुलिस अधिकारी के रूप में राजकुमार कोथमिरे के चाल, चरित्र और कार्य क्षमता पर सवाल खड़ा हो गया है। पहली घटना में यह आरोप लगाया गया है कि कोथमिरे ने एनडीपीएस के आरोपी दीपक कोठारी से फ्लैट की मांग की है। जिसकी कीमत 2 करोड़ रुपये है। जिसके बदले कोथमिरे ने अदालत में कोठारी के पक्ष में ‘पॉजिटिव से’ दाखिल करने का वादा किया था। जिससे आरोपी को जमानत मिलने में मदद मिल सके। दूसरी घटना में, कोथमिरे ने बिल्डर मयूरेश राउत की पत्नी को अपने कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने उनके आदेश को बहुत अशिष्टता से अस्वीकार कर दिया। तीसरी घटना में, कोथमिरे ने सोना तस्कर दीपक सुहानी को अग्रिम जमानत दिलाने में मदद की। कोथमिरे ने शिकायतकर्ता अनिल सतनाथी के साथ दुर्व्यवहार किया और उनका अपमान किया।


राजकुमार कोथमिरे वर्तमान में ठाणे हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के रूप में तैनात हैं। हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ ने मयूर मेहता, रोमेल वाज़, संतोष पांडे और दीपक कोठारी को सितंबर 2018 में एनडीपीएस कानून के तहत गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से ट्रामडोल (हाइड्रोक्लोराइड) 12 लाख रुपये की टैबलेट जब्त की थी। बिल्डर और मोबाइल शॉप के मालिक दीपक कोठारी को गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। सिद्धार्थ कोठारी (दीपक कोठारी के पुत्र) और राजकुमार कोथमिरे के बीच हुई बातचीत में, जिसमें जांच अधिकारी कोथमिरे (IO) ने सकारात्मक बयान देने के बदले पुणे में एक फ्लैट (2 करोड़ रुपये कीमत) की मांग की थी, जिसके बाद कोठारी को आसानी से जमानत मिल सके।


महाराष्ट्र राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख


राजकुमार कोथमिरे ने विरार के भवन निर्माता मयूरेश राउत की पत्नी और मयूरेश को अपने कार्यालय में आने के लिए कहा। जब मयूरेश की पत्नी ने कार्यालय में बुलाए जाने के उद्देश्य के बारे में पूछा तब कोई उचित जवाब नहीं था कोथमीरे के पास। इसलिए उसने "नहीं आउंगी" कहते हुए कोथमिरे के कार्यालय जाने से इन्कार कर दिया। कोथमिरे असहाय थे। दरअसल यह वही मयूरेश राउत है, जिससे राजकुमार कोथमिरे ने दो ब्रांडेड कारें - एक टोयोटा फॉर्च्यूनर और एक मर्सिडीज हड़प ली है। फॉर्च्यूनर का उपयोग कोथमिरे की बीवी करती है और मर्सिडीज का उपयोग हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ का दलाल समीर भारती करता है।


भवन निर्माता मयूरेश राउत

मयूरेश राउत ने अल्पायु एक्सप्रेस न्यूज़ को बताया कि राजकुमार कोथमिरे मेरा एक और फ्लैट (दहिसर स्थित लोढ़ा वाला) अपने नाम लिखवाना चाहते थे। इसलिए मुझे और बीवी को ऑफिस बुला रहे थे। वे समीर भारती के जरिये मैसेज भिजवा रहे थे कि अगर मैं नहीं गया तो वे मुझे किसी फर्जी केस में फंसा देंगे।


मुंबई उच्च न्यायालय के निर्देश पर राजकुमार कोथमिरे ने उल्हासनगर स्थित सोने के तस्कर दीपक सुहानी के खिलाफ हफ्ता मांगने की FIR दर्ज की है। FIR दर्ज करने के बाद शिकायतकर्ता अनिल सतनाथी के प्रति कोथमिरे का व्यवहार काफी बदल गया। कोथमिरे ने अनिल सतनाथी का अपमान किया, दुर्व्यवहार किया और यहां तक कि उनके साथ गाली-गलौज भी की। कल्याण और बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत पाने में दीपक सुहानी का पूरा समर्थन किया। अनिल सतनाथी का कहना है कि कोथमिरे को एक जांच अधिकारी के रूप में दीपक सुहानी के एबीए का विरोध करना चाहिए था, लेकिन वह न्यायाधीश के सामने उपस्थित नहीं हुए और अदालत कक्ष के बाहर छिपे रहे। दीपक सुहानी के खर्च पर AEC के कुछ कर्मचारी कथित तौर पर बैंकॉक बॉडी मसाज करवाने गए थे।


अनिल सतनाथी का कहना है कि- “राजकुमार कोथमिरे का असली चेहरा अब सामने आ गया है। उसका रवैया हवलदार की तरह रहता है न कि इंस्पेक्टर की तरह। लॉकडाउन के बाद मैं बॉम्बे हाईकोर्ट में दीपक सुहानी के एबीए को रद्द करने के लिए याचिका दायर करूंगा और राजकुमार कोथमिरे के खिलाफ इन आरोपों की जांच करने और उन पर एक्शन के लिए आग्रह करूंगा।”

आखिर कब महाराष्ट्र सरकार ऐसे भ्रष्ट पुलिस अधिकारी की जांच कर कार्रवाई करेगी या कोथमिरे इसी तरह कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाता रहेगा।


👉पढ़कर आगे फारवर्ड करें जिससे जनता और सरकार जागे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाये।

5 views0 comments

Comments


bottom of page