जुलाई सोमवार 27-7-2020
दिनेश कुमार डिस्ट्रिक्ट रिपोर्टर, (दुल्लाहपुर )-अल्पायु एक्सप्रेस
गाजीपुर। कंटेन्मेंट जोन में निवास करने वाले नवजात शिशुओं का गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) फॉलो अप आशा कार्यकर्ताओं द्वारा फोन के माध्यम से किया जायेगा।यह निर्देश परिवार कल्याण महानिदेशक डा.मिथलेश चतुर्वेदी ने गाज़ीपुर सहित प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर दिये हैं,पत्र में कहा गया है–फोन के मध्यम से फॉलो अप में आशा स्वयं कम वजन वाले बच्चों या समय से पूर्व जन्मे बच्चों या सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) से डिस्चार्ज हुए बच्चों या घरेलू प्रसव को प्राथमिकता देते हुए सभी नवजात शिशुओं के परिवारों को परामर्श देंगी,
एसीएमओ व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि वह ही शिशु के स्वास्थ्य (खतरे के लक्षण) जैसे- सुस्ती /बेहोशी/ छूने पर ठंडा/गर्म/स्तनपान आदि के बारे में पूछेंगी,यदि प्रसव अस्पताल में हुआ है तो जन्म के समय बच्चे के वजन के बारे में भी पूछेंगी इस दौरान वह माँ और परिवार को प्रसव के बाद महिला व शिशु में होने वाले खतरे के लक्षणों के बारे में बतायेंगी उनसे पूछेंगी और इस बात का आंकलन करेंगी कि नवजात को संदर्भन की जरूरत तो नहीं है,वह माँ और परिवार को केवल स्तनपान, कपड़े में लपेट कर कंगारू मदर केयर के बारे में सलाह देंगी साथ ही में वह यह भी सलाह देंगी कि यदि नवजात में किसी तरह के खतरे के लक्षण दिखें तो वह आशा और ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनजर (बीसीपीएम) को सूचित करे और 102 एम्बुलेंस द्वारा वह बच्चे को संदर्भित कर आवश्यक सेवाएं दे।नॉन कंटेन्मेंट जोन में एचबीएनसी का गृह भ्रमण आशाओं द्वारा सामजिक दूरी रखते हुए बिना स्पर्श किये हुए मास्क पहन कर एवं हाथों को उचित तरीके से साबुन व् पानी के साथ धोने से किया जाएगा।इस दौरान वह माँ और शिशु को नहीं छुएंगी।वह माँ और परिवार से ही शिशु के स्वास्थ्य (खतरे के लक्षण) जैसे- सुस्ती /बेहोशी/ छूने पर ठंडा/गर्म/स्तनपान आदि के बारे में पूछेंगी।साथ ही उपरोक्त बताई गयी सलाह को माँ और परिवार वालों को देंगी।
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