top of page
Search
  • alpayuexpress

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक़ को एक सरकारी फंड के घोटाले के मामले में सज़ा हुई है, यह खे




अगस्त मंगलवार 18-8-2020


किरण नाई ,वरिष्ठ पत्रकार -अल्पायु एक्सप्रेस


जनता को बहस के नाम पर जाति और धर्म का बासी टुकड़ा दे दिया जाता है लेकिन खेल कहीं और होता है। निवेश के नाम पर फंड बनाए जाते हैं। ख़ास लोगों के नेटवर्क के ज़रिए पैसे निकाल कर काग़ज़ी कंपनियाँ खड़ी की जाती हैं।


मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक़ को एक सरकारी फंड के घोटाले के मामले में सज़ा हुई है। यह खेल दुनिया के हर देश में खेला जाता है। ऐसे नेटवर्क तक पहुँचना आसान नहीं होता। आप भारत में भी कुछ लोगों की आर्थिक तरक़्क़ी की खबरें सुनते होंगे मगर इससे आगे आप जान नहीं पाते।


आप यहाँ तक नहीं जान पाते कि सरकारी योजनाओं के सहारे अपने लोगों की कितनी कंपनियाँ खड़ी कर दी जाती हैं। और पैसा अपने पाले में रखा जाता है। धर्म और जाति या कोई और भावुक मुद्दा राजनीति का सबसे सस्ता निवेश है। जनता के बीच बासी रोटी का टुकड़ा फेंक उसकी जेब से पैसे निकाल लेने का खेल होता है।


दो लाख से अधिक ईमेल में गरीब जनता की जेब से लूटा गया अरबों डॉलर का खेल सामने आता है। कारपोरेट का खेल सबसे सुरक्षित अगर कहीं है तो भारत में है। तीस पर जनता कहती हैं कि वह समझदार है। किस बात की? क्या बग़ैर सूचना, जानकारी, पत्रकारिता और साहसिक संस्थाओं के लोकतंत्र में समझदारी आती भी है? हंसा कीजिए।

0 views0 comments
bottom of page