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घर-घर जाकर मधुमेह के संदिग्धों को चिह्नित करें आशा, कार्यशाला में सीएमओ ने बताई मधुमेह की गंभीरता
घर-घर जाकर मधुमेह के संदिग्धों को चिह्नित करें आशा, कार्यशाला में सीएमओ ने बताई मधुमेह की गंभीरता
नवम्बर सोमवार 16-11-2020
दिनेश कुमार डिस्ट्रिक्ट रिपोर्टर, (दुल्लाहपुर )-अल्पायु एक्सप्रेस

गाजीपुर। विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर शनिवार को जिला अस्पताल के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। सेवा एवं डायबिटीज थीम आधारित कार्यशाला में मधुमेह जागरूकता, जीवन शैली में परिवर्तन, नियमित जांच व उपचार के साथ ही व्यायाम करने पर चर्चा की गई। अध्यक्षता करते हुए सीएमओ डॉ जीसी मौर्य ने बताया कि मधुमेह से पीड़ित लोगों में भूख ना लगना, लगातार वजन में कमी होना, बार-बार पेशाब, आंखों से कम दिखने जैसी समस्या होती है। ये ब्रेन, हार्ट, रेटिना, किडनी आदि के साथ ही ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है। सीएमओ ने कार्यशाला में आई आशा वर्करों को निर्देश दिया कि वह गृह भ्रमण के दौरान इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए ऐसे लक्षण वाले व्यक्तियों को उचित परामर्श के साथ ही चिकित्सा सुविधा के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि बहुत सारे लोग डॉक्टर के द्वारा इंसुलिन लिखे जाने पर इंसुलिन लेने से हिचकते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। फिजिशियन डॉ राजेश सिंह ने बताया की डायबिटीज आज के समय की विकट समस्या है, जिसने पूरी दुनिया में अपना आतंक फैला रखा हैं। मधुमेह पर नियंत्रण तो किया जा सकता हैं, पर इसे जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता। डायबिटीज को अगर नियंत्रित ना किया जाये तो इसका असर किडनी (गुर्दा), आँख, हृदय तथा ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। डायाबिटिज की बीमारी में शरीर में ब्लड शुगर या ब्लड ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसा तब होता है, जब शरीर में हारमोन इन्सुलिन की कमी हो जाती है या वो इन्सुलिन हमारे शरीर के साथ सही ताल मेल नहीं बिठा पाते। प्रभारी सीएमएस डॉ तनवीर ने बताया कि मधुमेह के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय मधुमेह दिवस की शुरुआत की गई। साल 1991 वह साल था जब विश्व में सभी का ध्यान इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप पर गया और उन्होने लोगों को इसके संबंध में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय मधुमेह दिवस मनाने की घोषणा हुई। इस मौके पर एसीएमओ डॉ प्रगति कुमार, डॉ केके भाष्कर, अर्बन मैनेजर अशोक कुमार, एनसीडी परामर्शदाता रविशंकर चौरसिया, लेखाकार अमित राय आदि रहे।