जुलाई बुधवार 29-7-2020
किरण नाई - मुख्य संपादक
फ्रांस से खरीदे जा रहे 36 अत्याधुनिक राफेल विमानों में से पांच विमान करीब 7,000 किमी की दूरी तय करके आज बाद दोपहर एक बजे भारत पहुंच जाएंगे। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया अंबाला एयरबेस पर विमानों की अगवानी करेंगे।
🛬🛫 वायुसेना अधिकारियों के मुताबिक अगर मौसम सही रहा तो बुधवार दो बजे के करीब पांचों विमान अंबाला एयरबेस पर लैंड करेंगे। अगर मौसम या कोई अन्य दिक्कत आती है तो इसे जोधपुर एयरबेस पर लैंड करवाया जाएगा, वहां पर वैकल्पिक तैयारियां की गई हैं।
🛫🛬 राफेल के आने से अब पाक और चीन के नापाक इरादों को भारतीय वायुसेना आसानी से नेस्तानाबूत कर देगी। करीब 2100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से राफेल मात्र 6 मिनट में पाक और 9 मीटर में चीन तक पहुंच जाएंगे। 1965 और 71 की जंग में भी अंबाला एयरबेस की अहम भूमिका रही है। अंबाला एयरबेस से पाकिस्तान की सीमा 200 और चीन की मात्र 300 किलोमीटर है। यही कारण है कि अंबाला में जगुआर और मिस-21 जैसे लड़ाकू विमान भी तैनात किए गए थे।
अंबाला एयरफोर्स की सुरक्षा राफेल के चलते बढ़ा दी गई है। अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के चारों ओर के दायरे को मजबूत कर दिया गया है। इतना ही नहीं एयरफोर्स की सभी चेक पोस्ट पर कर्मचारियों को तैनात कर पल-पल की जानकारी रखी जा रही है। इतना ही नहीं घुसपैठियों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी जारी किए गए हैं। तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।अंबाला एयरबेस इसीलिए भी महत्वपूर्ण है कि यहां के लिए IOC से ईंधन भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है। अंबाला आईओसी से मात्र 30 मिनट में ही ईंधन आसानी से उपलब्ध हो जाता है। बता दें कि राफेल की ईंधन क्षमता करीब 4700 किलोग्राम है।
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