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हमारे बीच नहीं रहे कलम के सिपाही!...वरिष्ठ पत्रकार राम अवतार का हुआ निधन,सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में फैली शोक की लहर

  • alpayuexpress
  • Nov 28, 2024
  • 3 min read

     ‼️शोक संदेश‼️ 


हमारे बीच नहीं रहे कलम के सिपाही!...वरिष्ठ पत्रकार राम अवतार का हुआ निधन,सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में फैली शोक की लहर


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


नवम्बर गुरुवार 28-11-2024

गाजीपुर:- ख़बर गाज़ीपुर ज़िले से है जहां पर गुलाब राय साहित्य पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार व विश्वकर्मा चरित मानस जैसे काव्य के रचयिता राम अवतार का बीती आधी रात में निधन हो गया। वो 85 वर्ष के थे और बीती रात ही वाराणसी से एक मांगलिक कार्य से लौटकर सोने के लिए अपने सुखदेवपुर स्थित आवास की सीढ़ियां चढ़ रहे थे। इस बीच उसी समय उनकी सांस फूलने लगी और अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद परिजन उन्हें लेकर फौरन जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां आधी रात में उनका निधन हो गया। निधन की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। वो अपने पीछे दो पुत्रों को छोड़ गए हैं। पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। स्व. राम अवतार साहित्य के क्षेत्र में 18 से ज्यादा उपन्यास, अनेकों साहित्यकारों व समाजसेवियों के साक्षात्कार, 5 कहानी संग्रह समेत 3 दर्जन से अधिक साहित्यों के सृजनकर्ता थे। वो काम के सिलसिले में लखनऊ और कोलकाता जैसे शहरों में गये लेकिन दिल्ली में रहकर उन्होंने 1973 से 1984 तक जनयुग में उप सम्पादक के दायित्व का सफल निर्वहन किया। इसके बाद दिल्ली में प्रख्यात उपन्यासकार जैनेन्द्र कुमार से मुलाकात के बाद पत्रकारिता से साहित्य की ओर उनका रूझान हो गया और दिल्ली में ही उन्होंने दो उपन्यास लिखे, जो पूर्वोदय प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित भी हुए। उन्होंने 1971 मे ज्ञानेंद्र की वैचारिक पाक्षिक पत्रिका कल्प का सम्पादन भी किया। इधर 1984 में वो जनयुग से त्यागपत्र देकर पुनः अपनी जन्मभूमि गाजीपुर आ गये और यहां उन्होंने साहित्य सृजन के साथ साथ गाजीपुर टाइम्स नाम से 2007 तक हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन और सम्पादन किया। इसके बाद उन्हें उनके ‘वेद और हमारा जीवन’ के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा गुलाब राय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके निधन पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, मीडिया प्रभारी शशिकान्त शर्मा आदि ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन समाज एवं साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।गुलाब राय साहित्य पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार व विश्वकर्मा चरित मानस जैसे काव्य के रचयिता राम अवतार का बीती आधी रात में निधन हो गया। वो 85 वर्ष के थे और बीती रात ही वाराणसी से एक मांगलिक कार्य से लौटकर सोने के लिए अपने सुखदेवपुर स्थित आवास की सीढ़ियां चढ़ रहे थे। इस बीच उसी समय उनकी सांस फूलने लगी और अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद परिजन उन्हें लेकर फौरन जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां आधी रात में उनका निधन हो गया। निधन की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। वो अपने पीछे दो पुत्रों को छोड़ गए हैं। पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। स्व. राम अवतार साहित्य के क्षेत्र में 18 से ज्यादा उपन्यास, अनेकों साहित्यकारों व समाजसेवियों के साक्षात्कार, 5 कहानी संग्रह समेत 3 दर्जन से अधिक साहित्यों के सृजनकर्ता थे। वो काम के सिलसिले में लखनऊ और कोलकाता जैसे शहरों में गये लेकिन दिल्ली में रहकर उन्होंने 1973 से 1984 तक जनयुग में उप सम्पादक के दायित्व का सफल निर्वहन किया। इसके बाद दिल्ली में प्रख्यात उपन्यासकार जैनेन्द्र कुमार से मुलाकात के बाद पत्रकारिता से साहित्य की ओर उनका रूझान हो गया और दिल्ली में ही उन्होंने दो उपन्यास लिखे, जो पूर्वोदय प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित भी हुए। उन्होंने 1971 मे ज्ञानेंद्र की वैचारिक पाक्षिक पत्रिका कल्प का सम्पादन भी किया। इधर 1984 में वो जनयुग से त्यागपत्र देकर पुनः अपनी जन्मभूमि गाजीपुर आ गये और यहां उन्होंने साहित्य सृजन के साथ साथ गाजीपुर टाइम्स नाम से 2007 तक हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन और सम्पादन किया। इसके बाद उन्हें उनके ‘वेद और हमारा जीवन’ के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा गुलाब राय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके निधन पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, मीडिया प्रभारी शशिकान्त शर्मा आदि ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन समाज एवं साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।

 
 
 

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