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सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद अफजाल अंसारी का पहला बयान!...2019 के बाद एक दिन भी सरकार ने चैन की रोटी खाने नहीं दिया-अफजाल ।

  • alpayuexpress
  • Jan 15, 2024
  • 2 min read

सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद अफजाल अंसारी का पहला बयान!...2019 के बाद एक दिन भी सरकार ने चैन की रोटी खाने नहीं दिया-अफजाल ।


अजय कुमार सीनियर रिपोर्टर


गाज़ीपुर:-खबर गाजीपुर से है।जहां सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद अफजाल अंसारी का पहला बयान सामने आया है।उन्होने कहाकि 2019 के बाद एक दिन भी सरकार ने चैन की रोटी खाने नहीं दिया।अफजाल ने कहाकि जनता का अभूतपूर्व समर्थन और ऊपर वाले की कृपा है कि मैं जीवित हूं।मेरी जगह कोई दूसरा होता तो हतोत्साहित होकर प्राण त्याग देता।अफजाल अंसारी ने कहाकि मैं दूसरी मिट्टी का बना हूं अत्याचार और जुल्म के बल पर मुझे हराया नहीं जा सकता।अफजालने कहाकि अब मैं चुनाव लड़ने के योग्य हो चुका हूं और चुनाव लड़ने की इच्छा भी है।अफजालने कहाकि मैं 10 चुनाव लड़ चुका हूं।समाजवादी पार्टी से 2004 में समाजवादी पार्टी से 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से चुनाव लड़ चुका हूं।अफजाल ने कहाकि अगर आमने-सामने मनोज सिन्हा से लड़ाई हुई तो वो गणना कराने नहीं आयेंगे।अफजाल अंसारी ने कहाकि 2019 के बाद चुनाव के बाद जो घटनाक्रम है जनता सब देख रही है।अफजालने कहाकि मेरा हौसला तोड़ने के लिये हर तरह से बर्बाद किया गया।मेरी खड़ी फसलों को बर्बाद किया गया।परिवार के सदस्यों को झूठे मुकदमे में फंसाया गया।हमारे विरुद्ध एक ऐसे मुकदमे में जिसमें मूल मुकदमे में मुझे बरी कर दिया गया था गैंगेस्टर मामले में सजा किया गया।अफजाल ने कहाकि

मेरे 4 साल की सजा का फैसला एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा था।अफजाल ने कहाकि वो अंतिम सत्य नहीं था सजा हुई मैं जेल गया और लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया और चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य घोषित कर दिया गया।अफजाल ने कहाकि जब हम अपील में गये तो उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की बात सुनकर मुझे जमानत दिया।उच्च न्यायालय ने सजा निलंबित नहीं किया उसकी अपील मे हम सर्वोच्च न्यायालय गये।सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ शर्तों के साथ सजा के आदेश को निलंबित किया,और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में स्पष्ट लिखा है कि अब मैं चुनाव लड़ने के अयोग्य नहीं हूं।अफजाल ने कहाकि 11 जनवरी को लोकसभा के स्पीकर ने अधिसूचना जारी करके अब मेरी संसद सदस्यता सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार शर्तों के साथ बहाल कर दी है।अब मैं चुनाव लड़ने के योग्य हूं।शर्तों के अनुसार मैं सदन की डिबेट में शमिल होकर मतदान नहीं कर सकता।

 
 
 

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