साक्ष जुटाने के लिए संजय राय शेरपुरिया लाया जा सकता है गाजीपुर!...एसटीएफ से लेकर ईडी की जांच में महाठग के 19 खातों में करीब छह करोड़ के लेनदेन के साक्ष्य सामने आए हैं।

किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
लखनऊ:- एसटीएफ से लेकर ईडी की जांच में महाठग संजय राय शेरपुरिया के 19 खातों में करीब छह करोड़ के लेनदेन के साक्ष्य सामने आए हैं। उसने यूथ रूरल इंटरप्रन्योर फाउंडशन के अलावा पांच ऐसी कंपनियों का ब्योरा सामने आया है। जिसमें खुद शेरपुरिया व उसकी पत्नी पद है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शेरपुरिया ने दर्जनों शैल कंपनियां बनाई हैं।
इसके साथ ही पुलिस की रिमांड अर्जी पर कोर्ट में आज सुनवाई है। पुलिस कस्टडी रिमांड मिलने पर पुलिस साक्ष्य संकलन के लिए आरोपित को लेकर दिल्ली और गाजीपुर जा सकती है।
5 कंपनियों में संजय खुद निदेशक है, चार में उसकी पत्नी
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक संजय शेरपुरिया की 5 कंपनियों में निदेशक है। इसमें से 4 कंपनियों में उसकी पत्नी कंचन राय शामिल हैं। इनमें चार कंपनियां गुजरात और एक महाराष्ट्र में रजिस्टर कराई गईं। यह कंपनियां 2005 से 2012 बीच के बीच रजिस्टर कराई गईं। कंपनियों के जरिये करोड़ों की रकम इधर से उधर की गई।
इसमें एक कांडला एनर्जी एंड केमिकल लिमिटेड कंपनी 7 मार्च 2005 को रजिस्टर कराई गई। इसमें संजय प्रकाश बालेश्वर राय उर्फ संजय शेरपुरिया और उसकी पत्नी कंचन संजय प्रकाश राय हैं। और दूसरी कंपनी कच्छ इंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड है। जिसे 5 मई 2009 में कराया गया।
वहीं तीसरी कंपनी काशी फर्म फ्रेश प्राइवेट लिमिटेड है। जिसे 28 सितंबर 2010 को रजिस्टर कराई गई। जबकि चौथी कंपनी कांडला इंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड को 14 जून 2011 में रजिस्टर कराया गया और इसमें संजय राय के साथ प्रशांत खांडेलवाल डायरेक्टर हैं।
रिमांड अर्जी दाखिल, आज हो सकती है सुनवाई
विभूतिखंड पुलिस ने संजय शेरपुरिया के लिये सोमवार को कोर्ट में दस दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड अर्जी दाखिल की थी। जिस पर आज सुनवाई हो सकती है। स्पेशल सीजेएम कोर्ट ने पुलिस की इस अर्जी पर मंगलवार को जेल से तलब किया है। विवेचक इंस्पेक्टर राम सिंह ने अर्जी में लिखा है कि संजय शेरपुरिया ने कई लोगों से जालसाजी कर करोड़ों रुपए हड़पे हैं। उसके साथ इस ठगी में कई और लोग भी थे। इन सबके बारे में पता करने के लिये संजय शेरपुरिया से पूछताछ किया जाना जरूरी है।
वाईआरईएफ के सलाहकार बोर्ड में रिटायर्ड आईएस और आईपीएस
यूथ रुरल इंटरप्रेन्योर फाउंडेशन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआरईएफ) के सलाहकार बोर्ड में रिटायर आईएएस, आईपीएस और सैन्य अधिकारी तक शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक शेरपुरिया के फाउंडेशन से जुडे़ रिटायर आईएएस अधिकारी के कश्मीर में गिरफ्तार किए गए महाठग किरण पटेल से सम्बन्ध रहे।
सलाहकार बोर्ड के एक अन्य सदस्य, जो एक आईपीएस अधिकारी थे, वह वर्ष 2018 में सीबीआई में हुए अधिकारियों के झगड़े में शामिल थे। एक और बात यह भी सामने आई कि इस आईपीएस अधिकारी का बेटा वाईआरईएफ के निदेशक के साथ मिलकर कम्पनी चलाता है। वर्ष 2022-23 में संस्था के खाते में सात करोड़ 84 लाख रुपए स्थानांतरित किए गए थे। आरोपित ने 30 अक्तूबर 2019 में संस्था बनाई थी।
जिसका कार्यालय वाराणसी में दर्शाया गया। संस्था में छह लोग सलाहकार बोर्ड में और छह एडिशनल डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। संस्था की वेबसाइट पर छह एडिशनल डायरेक्टर के नाम अंकित हैं। जिसमें इंदू प्रकाश सिंह, पंकज गुप्ता, अरुण कुमार सिंह, प्रदीप कुमार राय, सुनील कुमार राय और मारकंडे राय शामिल हैं।
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