चिल्काडांड /सोनभद्र /उत्तर प्रदेश
सरकार की मंशा पर फेरा पानी!...सफाई के नाम पर लाखों रुपया किया जा रहा है गमन।

आकाश मौर्या ब्यूरो चीफ
सोनभद्र:- जनपद सोनभद्र के म्योरपुर ब्लॉक अंर्तगत चिल्काडांड बस्ती में मकानों के आगे बनी नालियां वर्षों से खुली पड़ी हैं। इनकी सफाई नहीं हुई है। नालियों में गंदगी जमा होने के कारण उसमें से निकलने वाली दुर्गंध से लोगों को परेशानी हो रही है। गंदगी के कारण वहां संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना हुआ है।स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार व राज्य सरकार बहुत सा धन खर्च कर रही है किन्तु आला अधिकारी व कर्मचारी गण अपने कर्तव्यों का पालन करने से कतरा रहे हैं। कैसे होगा महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत का सपना पूरा।
हर ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी मात्र विद्यालयों व संपर्क मार्गों की साफ-सफाई कर अपना काम पूरा समझ लेते हैं और बीच गाँवों में शायद कभी- कभार हीं जाते हैं और नाली की सफाई कर छोड़ देते हैं, यहाँ तक कि कचरा भी नहीं हटाया जाता है जिससे गाँवों में कचरे का ढेर लगा हुआ है।सूत्रों से पता चला है कि पिछले कई वर्षों से इन नालियों की सफाई नही की गयी है। यहाँ किसी को बोलना व ना बोलना बराबर है। कोई सुनता नही है। बताया जाता है कि यह चिल्काडाड बस्ती ग्राम पंचायत में आता है। पंचायत में आने के कारण भी कोई ग्राम पंचायत के अधिकारी भी ध्यान नही देते हैं। बताया जाता है कि यहाँ के ग्राम पंचायत अधिकारी भी यहाँ से प्रतिदिन आते-जाते रहते हैं लेकिन कोई इस पर ध्यान नही देता है, यहाँ की जनता बोलती है कि किसी से भी बोला जाये, कोई नही सुनता, उसके बाद हम लोग बोलना ही छोड़ दिये। पूरी नालियाँ खुली हैं तथा कीचड़ पड़ा हुआ है। जबकि पूरे जिले में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है किन्तु यहाँ स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस पे कोई भी अधिकारी ध्यान नही दे रहे हैं। अब देखना यह है कि आखिर कब तक आला अधिकारी संबंधितों के ऊपर कार्रवाई करते हैं या नहीं? क्या सफाई कर्मी व अधिकारियों की मिलीभगत तो नही? जनमानस में यह बड़ा सवाल बना हुआ है। खबरों के माध्यम से जिला अधिकारी सोनभद्र का ध्यान आकृष्ट कराया गया है कि लगभग यहीं हाल जनपद के सभी ग्राम पंचायतों का है।
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