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सबसे आवश्यक!...अपने बच्चों को समय दें तथा उनसे भावात्मक जुड़ाव विकसित करें:-डॉ. रीना सिंह

  • alpayuexpress
  • Nov 24, 2024
  • 2 min read

सबसे आवश्यक!...अपने बच्चों को समय दें तथा उनसे भावात्मक जुड़ाव विकसित करें:-डॉ. रीना सिंह


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


नवम्बर रविवार 24-11-2024

गाजीपुर:- ख़बर गाज़ीपुर ज़िले से है जहां पर न्यू होराइजन एकेडमी में बच्चों के व्यवहार संबंधी समस्याएं और उनका समाधान विषय पर वर्कशॉप हुआ। जिसमें बच्चों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा-दीक्षा तथा संस्कार आदि की जिम्मेदारी उनके माता पिता की है। इसके लिए सबसे आवश्यक यह है कि अपने बच्चों को समय दें तथा उनसे भावात्मक जुड़ाव विकसित करें। याद रखें कि बच्चे हमारी च्वाइस से हमारे घर आये हैं। ये हमारी प्रॉपर्टी नहीं हैं वह हमारा दायित्व और जिम्मेदारी हैं.।उक्त बातें क्रिएटिव विज़न सोसाइटी द्वारा संचालित न्यू होराइजन एकेडमी में आयोजित “बच्चों के व्यवहार संबंधी समस्याएं और उनका समाधान” विषयक वर्कशॉप में मनोवैज्ञानिक तथा मोटिवेशनल ट्रेनर डॉ. रीना सिंह राजपूत ने कहा। डॉ. राजपूत ने कहा कि एक अध्ययन के अनुसार माता पिता को बच्चों को पेरेंट्स को कम से कम 40 मिनट का क्वालिटी टाइम देना आवश्यक है। आप बच्चों को कहानियां सुनाएं, उनके साथ पारिवारिक-सामाजिक संदर्भों पर वार्तालाप करें, खेलकूद की अभ्यासगत क्रियाओं में सहभागिता करे। जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़े तथा उनके संतुलित व्यक्तित्व का निर्माण हो। उन्होंने यह भी कहा कि पेरेंट्स को बच्चों के साथ व्यवहार तथा संभाषण के स्तर पर सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। व्याख्यान के बाद डॉ. राजपूत ने उअभिभावकों से उनके बच्चों की समस्याओं के विषय में प्रश्न किया तथा उनका समाधानात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने एक शोध संदर्भ का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया में कोई तीन व्यक्ति ही एक जैसे दिख सकते हैं पर कोई भी दो व्यक्ति समान मानसिक अवस्था के नहीं होते। अतः बच्चों की प्रतिभा भी भिन्न भिन्न होती है, उन्हें निखारने की आवश्यकता तो है पर उन्हें तुच्छ प्रतिष्पर्धा से बचाया जाना चाहिए। राजकीय पीजी महिला पीजी कालेज के मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार ने कहा कि बच्चों में अच्छी आदतों का विकास हो। इसकी जिम्मेदारी माता पिता की ही है.  प्रो. अमरनाथ राय ने कहा कि बच्चों के साथ संयत व्यवहार नहीं होने की स्थिति में उनके अंतर्मुखी तथा बुरी आदतों का शिकार हो जाने का खतरा है।एकेडमी के शैक्षणिक निदेशक प्रो. अजय राय ने व्याख्यान के लिए डॉ. राजपूत का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर विभा राय, किरणबाला राय, श्रीराम तिवारी, सुनीता मिश्रा, रेनू राय, सारिका राय, अभिषेक श्रीवास्तव, कुबेर यादव आदि शिक्षिकाओं व कर्मचारियों सहित दर्जनों अभिभावकों ने भाग लिया।

 
 
 

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