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संविधान दिवस पर जिला पंचायत सभागार में!...एडीएम ने अधिवक्ताओं को दिलाई संविधान की शपथ

गाजीपुर/उत्तर प्रदेश


संविधान दिवस पर जिला पंचायत सभागार में!...एडीएम ने अधिवक्ताओं को दिलाई संविधान की शपथ


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


गाजीपुर। अधिवक्ता परिषद कांशी प्रांत जनपद इकाई द्वारा जिला पंचायत सभागार में शनिवार को संविधान दिवस मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता व डा. भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से माल्यापर्ण कर पुष्प अर्पित कर किया गया। मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने उपस्थित अधिवक्ताओं को संविधान की शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्य वक्ता डा. व्यासमुनि राय ने भारतीय संविधान पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता अम्बेडकर शुरू से ही इस बात के पक्षधर थे की आरक्षण लागू न किया जाए।

उन्होंने कहा कि अनेक देशो के संविधान का अध्ययन कर भारत देश का संविधान तैयार किया गया तथा समय काल परिस्थिति के अनुसार इसमें सैकड़ो संशोधन भी हो चुके है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारी हिंदी भाषा आज भी राज्य की ही भाषा है, जबकि इसे राष्ट्र की भाषा बनाये जाने की आवश्यकता है। संविधान दिवस केवल संस्कृति एवं सभ्यता मनाने के लिए नहीं है, बल्कि लोगों को जोड़ने के लिए मनाया जाता है। समाज का प्रबुद्ध वर्ग अधिवक्ता अपने इमान को बनाये रखे, क्योंकि समाज के दबे-कुचले वर्गों को न्याय दिलाने का कार्य यही वर्ग करता है। हमारा संविधान अनेकता में एकता तथा सदैव विश्व पटल पर राष्ट्र के मान को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।

विशिष्ट अतिथि तहसीलदर सदर ने कहा कि डा. अम्बेडकर के बनाये संविधान में भारत एक राज्य के रूप में चित्रित किया गया है। भारत का संविधान ऐसा है, जहा पर महिला सर्वोच्च पद को प्राप्त करती है, जबकि लोकतंत्र का दावा करने वाले अमेरिका व तमाम विकसित देशों में ऐसा नहीं है। आज की परिस्थितियों में यह तथ्य बार-बार उभरकर सामने आ रहा है कि गरीबों को न्याय नहीं मिल पा रहा है, जबकि डा. भीमराव अम्बेडकर गरीबों व निर्बलों को न्याय दिलाने के पक्षधर रहे हैं। मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार सिंह ने बताया कि अधिकार के साथ कतर्व्य का वर्णन संविधान में किया गया है, लेकिन आज हर व्यक्ति अपने अधिकार की मांग करता है, कतर्व्यों पर चर्चा नहीं करना चाहता है। संविधान निर्माण की परिकल्पना तभी पूर्ण होगी, जब लोग अपने कतर्व्यों का पालन पहले करें और अधिकार की चर्चा बाद में करें।

अधिवक्ता सुरेश कुमार सिंह सह व रतन श्रीवास्तव ने भी अपना विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर महिला शक्ति के रूप में विभा राय, रीना चौधरी, रीता त्रिपाठी, क्षमा त्रिपाठी, शिवकुमार बिंद, धनश्याम दास, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह, अजय शंकर तिवारी, शिवमूरत पाल, समीर वत्स, राजेश यादव, सूर्यप्रकाश यादव, समीर वत्स, विप्लव रावत, प्रदीप रावत, सूर्यप्रकाश यादव, निशांत सिंह, सदानंद दास, अभय तिवारी, राजेश पांडेय, जयप्रकाश राय, रामकुमार राय, राजेश सिंह यादव, चन्द्र मोहन सिंह, राजेश पांडेय, संजय कन्नोजिया, दूधनाथ सिंह यादव, अनूप वर्मा, अजय आनंद, शिवांक राय, संतोष कुमार, दिनेश राय सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे। अध्यक्षता अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष कृपाशंकर राय तथा संचालन महामंत्री जयप्रकाश सिंह ने किया। अंत में परिषद के अध्यक्ष कृपाशंकर राय ने अतिथियो तथा उपस्थित अधिवक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा किया।

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