श्री पवहारी बाबा रामलीला ट्रस्ट यूसुफपुर खडवा के रामलीला मंचन के कलाकारों के मुख से बहती है सरस्वती की अविरल धारा
किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
मनिहारी। शारदीय नवरात्रि दशहरा के पवित्र बेला पर देश भर मे हो रहे रामलीला के मंचन में अति प्राचीन श्री पवहारी बाबा रामलीला ट्रस्ट यूसुफपुर खडवा के दस द्विवसीय रामलीला मंचन के तीसरे दिन रामलीला का महत्वपूर्ण अंश "राम वन गमन" का अभिनय करते कलाकार अपने को बिल्कुल उसी अभिनय के सापेक्ष तैयार करते हैं और राम वन गमन में माता कैकेई द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के लिए वन और भरत जी के लिए राजगद्दी मांगा लिया
बहुत ही मार्मिक प्रसंग को राम के अभिनय में राजेश्वर सिंह जानकी अभिनव सिंह लक्ष्मण गोपाल सिंह दशरथ के अभिनय रामाश्रय दूबे कैकेई बुच्ची बासफोर सुमित्रा मूलचंद मासूम सुमंत दिवाकर सिंह और मंथरा प्रकाश गुप्ता ने किया। बिना ध्वनि वादक यंत्र द्वारा सादकी पूर्वक मंचन बहुत ही स्वर की दरिया माता सरस्वती की अविरल धारा अभिनय के कलाकारों के मुख से बहती है।श्री पवहारी बाबा रामलीला ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री पंचम सिंह जी के समर्पण के भाव और सभी के प्रति प्यार और दुलार से गंगा जमुनी की तहजीब है यह रामलीला मीडिया प्रभारी राजेश जायसवाल द्वारा प्रेस प्रस्तुति की।
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