शिप्रा पाठक की पदयात्रा!..गोमती नदी संरक्षण पदयात्रा जल संकल्प के साथ हुआ सम्पन्न
मोहम्मद इसरार पत्रकार (उप संपादक)
गाजीपुर:- गोमती नदी के उदगम स्थल पीलीभीत से पैदल चलकर खरौना स्थित गंगा गोमती संगम स्थल तक नदी किनारों की पदयात्रा करने वाली शिप्रा पाठक ने संगम पहुचकर अपनी संकल्प यात्रा पूरी की। गोमती नदी के उदगम स्थल पीलीभीत के माधोटांडा स्थित गोमताल से शुरू हुआ गोमती के किनारे किनारे एक महीने तक निरंतर एक हजार एक किमी की पदयात्रा संगम पर गोमती जल संकल्प के साथ पूर्ण हुआ। पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक शिप्रा पाठक ने एक मार्च को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल से विधिवत गोमती के पवित्र जल के गोमत दंड को लेकर शिप्रा पाठक का पदयात्रा प्रारंभ किया था। इस दौरान गोमती किनारे बसे गांवों मठ मंदिरों देवालयों शिवालयों में लोगों को गोमती के अविरलता स्वच्छता निर्मलता एवं किनारों पर पौधरोपण के लिए जागरूक किया गया। शिप्रा ने कहा कि जल संचयन के लिए नदियों का निर्मलता एवं अविरलता जरूरी है जिससे हमारी भावी पीढी भी प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकें। गोमती किनारों पर उपेक्षित पड़े अनगिनत पौराणिक मठ मंदिरों का जीर्णोद्धार से गोमती का संरक्षण बढ़ेगा। गोमती को कटान से बचाने के लिए किनारों पर चातुर्मास में एक करोड़ पौधरोपण का अभियान चलाया जाएगा। साधु संतों से गोमती के स्वच्छता अविरलता निर्मलता में सहयोग देने के लिए अपील किया जा रहा है। सर्व समाज को गंगा के सहायक नदियों के प्रति जागरूक किया जाएगा। गंगा गोमती संगम तट पर पत्रकार विन्देश्वरी सिंह ने उन्हें गोमती नदी के पौराणिक इतिहास एवं संगम के महात्म्य का वर्णन सुनाया।
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