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शंकराचार्य जी के पदयात्रा के समर्थन में दंडी सन्यासियों ने किया सांकेतिक उपवास

  • alpayuexpress
  • Mar 15, 2024
  • 2 min read

शंकराचार्य जी के पदयात्रा के समर्थन में दंडी सन्यासियों ने किया सांकेतिक उपवास


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


वाराणसी:- गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बन्द कराने हेतु प्रारम्भ गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन के अंतर्गत परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सररस्वती 1008 जी महाराज वृंदावन से दिल्ली तक कि नंगे पांव पदयात्रा कर रहे हैं।शंकराचार्य जी महाराज के पदयात्रा के समर्थन में संपूर्ण राष्ट्र में सनातनधर्मी समर्थन कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।ज्ञातव्य है कि पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज वृंदावन गोवर्धन पर्वत जिसे भगवान कृष्ण ने गौवों के रक्षा हेतु अंगुली पर उठा लिया था उसके 21 किलोमीटर की परिधि की परिक्रमा कर अपने पन्द्रह दिनी दिल्ली तक की पदयात्रा का प्रारम्भ कर दिया है।शंकराचार्य जी महाराज की पदयात्रा वृंदावन गोवर्धन पर्वत से दिल्ली संसद भवन के उस स्थल पर पहुच कर समाप्त होगी जहां 1966 में धर्मसम्राट करपात्री जी महाराज के साथ लाखों गौभक्तों व संतों ने प्रदर्शन किया था।उस प्रदर्शन के दौरान चली गोली के कारण अनेकों सन्तों को अपना बलिदान देना पड़ा था।

शंकराचार्य जी महाराज के आज द्वितीय दिवस के पदयात्रा के समर्थन में अस्सी स्थित मुमुक्ष भवन में दंडी सन्यासियों ने शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय के नेतृत्व में सांकेतिक सामूहिक उपवास किया।

उपवास स्थल पर आयोजित सभा को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए दंडी सन्यासी महासमिति के महामंत्री स्वामी ईश्वरानंद तीर्थ जी महाराज ने कहा कि वैदिक काल से गाय बहुत महत्व रहा है।श्रुति स्मृति में बहुत सी कथाएं हैं जिनमे गौ की सेवा से लोगों अभीष्ट फल की प्राप्ति हुई है।राजाओं में राजा दिलीप का नाम गौ भक्तों सबसे पहले आता है।हमारे सनातनधर्म में गौघृत से ही यज्ञ हवन आदि सम्पन्न होते हैं।गौ घृत गौरस गौदुग्ध देवताओं को चढ़ता है।इस विषय मे सरकार गम्भीर होगी तभी बात बनेंगी।ये ऋषियों का देश है यहां गौ सम्वर्धन गौ रक्षा होना नितांत आवश्यक है।

सांकेतिक सामूहिक उपवास स्थल पर आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने कहा कि देशी रामा गौमाता का दूध अमृत है।देशी गौमाता का यह विशेषता है कि अगर उनको विष दे दिया जाए तो भी वो उस विष को अपने स्तनों में उतरने नही देती ताकि उनके दूध को पीने वाले बच्चों को क्षति नही पहुचें।वही तथाकथित जर्सी गाय का दूध पीकर लाखों लोग कैंसर का शिकार हो गए हैं।इसलिए मानवता के कल्याण हेतु व आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य हेतु देशी गौमाता का हर हाल में संरक्षण किया जाना चाहिए।सौ करोड़ सनातनधर्मियों के प्रतिनिधि ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज के गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने व गोकशी बन्द करवाने के आग्रह को सरकार को स्वीकार करना चाहिए।

धर्मसभा की अध्यक्षता करते हुए भट्ट ब्राम्हण महासभा काशी के अध्यक्ष पं बसंत राय भट्ट ने कहा कि सनातनधर्म के मूल में आदिकाल से गौमाता का ही महत्व रहा है।इसलिए महादेव ने अपने ध्वज पर गोवंश के प्रतीक नंदी बाबा को स्थान प्रदान किया है। धर्मसभा का संचालन त्रिशूलधारी राकेश पाण्डेय ने व आगन्तुकों को हरिनाथ दुबे ने आभार ज्ञापित किया। सामूहिक सांकेतिक उपवास कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री:-सदानंद तिवारी,सोनू सिंह,स्वामी उपेन्द्रानंद तीर्थ,स्वामी केदारानन्द तीर्थ,स्वामी खेलन आश्रम,स्वामी ज्यादेवानन्द,स्वामी स्वामदेव आश्रम,स्वामी चिदानंद तीर्थ,स्वामी राजदेवाश्रम,राघवेंद्रनंद तीर्थ,स्वामी शिवराम आश्रम,स्वामी परमेश्वरानंद तीर्थ,स्वामी उध्वदेव तीर्थ, स्वामी ज्ञानेश्वरानंद तीर्थ,स्वामी इंद्रदेवाश्रम, स्वामी राजेश्वरानंद तीर्थ,स्वामी सर्वेश्वरानंद तीर्थ,स्वामी श्रीमन्नारायन आश्रम,स्वामी मुरली आश्रम, स्वामी मोहन आश्रम,मुनिश्वरानंद तीर्थ,स्वामी माधवाश्रम सहित अनेक लोग सम्मलित थे।

 
 
 

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