शादियाबाद/गाजीपुर/उत्तर प्रदेश
वाहन का फर्जी चालान काटने के मामले में शादियाबाद थाना आया सुर्खियों में!... वाहनों का फर्जी चालान कटवा कर अपनी पीठ थपथपा ने में लगे हैं गाज़ीपुर एसपी
हेलमेट और कागजात दुरुस्त होने के बाद भी कट गया वाहन का चालान
जब वाहन स्वामी द्वारा चालान की ऑनलाइन जांच की गई तो फोटो में ना हीं वाहन स्वामी नजर आ रहे हैं ना ही गाड़ी
आदित्य कुमार डिस्टिक रिपोर्टर
शादियाबाद/गाजीपुर। खबर गाजीपुर जिले से हैं जहां पर गाजीपुर पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार वाहनों का चेकिंग कर चालान करने का अभियान चल रहा है इसी दौरान वाहनों का गलत तरीके से फर्जी चालान काटने का एक मामला प्रकाश में आया है जिसे हम कह सकते हैं की वाहनों का फर्जी चालान काटकर अपनी पीठ थपथपा ने में लगे हैं गाज़ीपुर एसपी ,आइए आपको बताते चलें क्या है पूरा मामला शादियाबाद थाना चौराहे पर चेकिंग अभियान हमेशा की तरह चलाया जा रहा था जिसमें 9 दिसंबर 2022 के शाम के वक्त चेकिंग अभियान के दौरान शादियाबाद पुलिस का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे आपको बताते चलें कि ग्राम वृंदावन हुरमुजपुर निवासी विनोद सिंह पुत्र रामाज्ञा सिंह अपने वाहन संख्या यूपी 61H2683 पर जा रहा थे तभी उन्होंने देखा कि पुलिस द्वारा रास्ते में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है जब की विनोद सिंह के द्वारा चलाई जा रही गाड़ी की स्पीड मात्र 20 थी जब विनोद सिंह ने सोचा कि वाहनों की चेकिंग कर रहे पुलिस कर्मी के द्वारा हाथ दिखाकर रुकवाया जाएगा तब वह रुक कर अपने गाड़ी के सभी कागजात दिखाकर वहा से चले जाएंगे लेकिन विनोद सिंह का कहना है कि मेरे साथ कुछ और ही हुआ मुझे मौके पर मौजूद चेकिंग कर रहे किसी भी पुलिसकर्मी ने नहीं रोका और ना ही किसी ने आवाज लगाई इसके बाद मैं अपने घर की तरफ निकल पड़ा जैसे ही घर पहुंचा तो मेरे फोन पर s.m.s. पहुंच जाता है की आपका चालान कट गया है वाहन स्वामी विनोद सिंह ने बताया कि ,मेरे वाहन के सभी कागजात सही थे और मेरे द्वारा हेलमेट भी लगाया गया था पैरों में जूता भी पहना गया था लेकिन इसके बावजूद भी मेरे वाहन चालान काटा गया है ,विनोद सिंह ने बताया की शादियाबाद पुलिस पूरी तरह से मनमानी कर रही है चालान में गाड़ी का फोटो नहीं दिखाया गया है। जिससे यह साबित होता है की शादियाबाद पुलिस फर्जी तरीके से वाहन चालकों का चालान काटकर उन्हें परेशान करने का काम कर रही है, इस मामले की पूरी वास्तविकता जानने के लिए जब अल्पायु एक्सप्रेस न्यूज़ के स्थानीय पत्रकार जिला संवाददाता द्वारा शादियाबाद थानाध्यक्ष से संपर्क किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हो पाया
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