गाजीपुर/उत्तर प्रदेश
लोक अदालत में हुआ हजारों वादों का निस्तारण!....जनपद न्यायाधीश सुरेन्द्र सिंह ने किया राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ

किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
गाजीपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली से प्राप्त निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजीपुर के तत्वाधान में शनिवार को जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ जनपद न्यायाधीश सुरेन्द्र सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप-प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर श्री सिंह ने कहा कि लोक अदालत में न केवल मुकदमों का निस्तारण किया जाता है, बल्कि पक्षकारों के मध्य परस्पर वैमनस्यता भी समाप्त हो जाती हैं।
नोडल अधिकारी लोक अदालत राकेश कुमार द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण के लिए नियत वादों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। पूर्णकालिक सचिव कामायनी दुबे ने कहा कि लोक अदालत से न्याय के क्षेत्र में क्रांति आई है और लोगों में विधिक जागरूकता भी बढ़ी हैं। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 109511 मामले निस्तारण के लिए नियत किए गए थे, जिसमें सुलह-समझौता एवं संस्वीकृति के आधार पर कुल 87095 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किए गए। राजस्व विभाग आदि के 6531 मामले, विभिन्न न्यायालयों द्वारा 17762 मामले तथा बैंक एवं अन्य विभाग द्वारा कुल 62802 मामले निस्तारित किए गए। अदालत में कुल 146553773 रूपये की धनराशि के संबंध में आदेश पारित हुआ। दीवानी न्यायालय द्वारा कुल 82729394 रूपये के संबंध में आदेश पारित किया गया तथा राजस्व न्यायालयों एवं बैंक में कुल 63824379 रूपये के संबंध में सुलह-समझौता हुआ। लोक अदालत की सफलतापूर्वक समाप्ति पर नोडल अधिकारी द्वारा समस्त न्यायिक अधिकारीगण, वादकारीगण, अधिवक्तागण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें सहयोग देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा कुल 98 वाद निस्तारित किए गए व कुल-54525000 रूपये की धनराशि के संबंध में आदेश पारित किया गया। प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय गाजीपुर द्वारा 59 वाद निस्तारित किए गए, जिसमें से 01 मामले में पति-पत्नी में सुलह कराकर उन्हे न्यायालय से एक साथ विदा किया गया। पूर्णकालिक सचिव ने जनपद न्यायालय के कर्मचारीगण, अधिवक्तागण, मीडिया कर्मी तथा पुलिस एवं प्रशासन विभाग के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
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