वाराणसी/उत्तर प्रदेश
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला
मयंक कश्यप पत्रकार
वाराणसी:- नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के बगैर चुनाव कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल ने राज्य की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। चौधरी विकास पटेल ने कहा कि कि उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल न करना ओबीसी आरक्षण समाप्त करने का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा डा.के.कृष्णमूर्ति और अन्य बनाम भारत सरकार के मामले में 11 म्ई 2010 को तथा विकास किशन लाल गवली बनाम महाराष्ट्र सरकार मामले में 04 मार्च 2021 को पंचायत चुनावों में आरक्षण लागू करने हेतु ट्रिपल टेस्ट प्रणाली के तहत आरक्षण लागू करने का आदेश दिया गया है। मगर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किए बगैर ही नगर निकाय चुनावों में आरक्षण घोषित किया गया। भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल किए बगैर आरक्षण घोषित करना ओबीसी के साथधोखेबाजी है।यदि सरकार समय रहते इस पर अमल करती तो आज ओबीसी आरक्षण समाप्त नहीं होता।उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय पर रोक लगा दिया है। लेकिन भाजपा सरकार की ओबीसी आरक्षण को लेकर मानसिकता उजागर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है। भाजपा की चाहे केन्द्र की सरकार हो या राज्यों की ओबीसी आरक्षण के साथ खिलवाड़ लागातार कर रहीं हैं ।एक लम्बे समय से ओबीसी जाति आधारित जनगणना तथा संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी मांग रहें हैं। लेकिन ओबीसी विरोधी भाजपा द्वारा ओबीसी की संख्या में आरक्षण देने के बजाय 27% आरक्षण को भी निष्प्रभावी करने का कार्य किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती सहित तमाम नियुक्तियों में जबरदस्त आरक्षण घोटाला सामने आया और भयानक धोखेबाजी की गयी। निजीकरण के माध्यम से आरक्षण समाप्त किया जा रहा है। चुनाव में देरी होने से विकास के कार्य भी प्रभावित होगें। इसलिए भाजपा के उपरोक्त षड्यंत्रों के खिलाफ 09जनवरी 2023 को उत्तर प्रदेश बंद का आह्वान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस उत्तर बंद को देश के बड़े बहुजन नेता नेता वामन मेश्राम का भी समर्थन है। इस बंद में भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा, बहुजन मुक्ति पार्टी, राष्ट्रीय किसान मोर्चा, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, भारतीय विद्यार्थी, युवा, बेरोजगार मोर्चा राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद सहित दर्जनों संगठनों ने उत्तर-प्रदेश बन्द में हिस्सा लिया.
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