top of page
Search

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत!..सीएमओ कार्यालय में डिफरेंशिएटेड टीबी केयर विषय पर हुई प्रशिक्षण कार्यशाला

  • alpayuexpress
  • Feb 15, 2024
  • 2 min read

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत!..सीएमओ कार्यालय में डिफरेंशिएटेड टीबी केयर विषय पर हुई प्रशिक्षण कार्यशाला


रजत श्रीवास्तव मंडल ब्यूरो चीफ


गाज़ीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर लोगो में ऐसा देखा जाता है कि टीबी (क्षय रोग) की बीमारी किसी व्यक्ति को हो जाने पर उसे अन्य बीमारियाँ-डायबिटीज़, एचआईवी,एड्स, कैंसर आदि भी घेरने लगती हैं। टीबी के साथ-साथ इन्हीं बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित डिफरेंशिएटेड टीबी केयर विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन हुआ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ देश दीपक पाल के निर्देशन में हुए इस प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत वर्ष 2025 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनपद प्रतिबद्ध है। इस प्रशिक्षण में एनटीईपी के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइज़र (एसटीएस), सीनियर टीबी लैब सुपरवाइज़र (एसटीएलएस) एवं आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को टीबी रोगियों में होने वाली अन्य बीमारियों जैसे मधुमेह, मुंह का कैंसर, उच्च रक्तचाप, एचआईवी/एड्स आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि टीबी से ग्रसित मरीज यदि अपना सम्पूर्ण उपचार (छह माह या उससे अधिक का कोर्स) पूरा करता है, साथ ही प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार का सेवन करता है, धूम्रपान, तंबाकू, शराब आदि के सेवन से दूर रहता है, तो वह पूरी तरह ठीक हो जाता है, बशर्ते वह एक भी दवा खाना न छोड़े। एक भी दिन दवा छूटने से टीबी बीमारी गंभीर रूप से ले सकती है। यदि कोर्स पूरा न किया गया और खानपान में लापरवाही की गई तो टीबी के अलावा अन्य बीमारियाँ भी हो सकती हैं। इसके लिए टीबी मरीज और उसके परिजन को बहुत अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार की ओर से टीबी मरीज को उपचार के दौरान हर माह 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके सभी सीएचओ अपने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी मरीज की अन्य बीमारियों की जांच करेंगे। ऐसे में कोई अन्य बीमारी टीबी मरीज में पायी जाती है तो इसकी जानकारी निक्षय आईडी पर फीड करेंगे, जिससे उन बीमारियों का भी सम्पूर्ण उपचार किया जा सके। इस कार्य की मॉनिटरिंग एसटीएस व एसटीएलएस के द्वारा की जाएगी। साथ ही नियमित समीक्षा भी की जाएगी। डब्ल्यूएचओ के कंसल्टेंट डॉ वीजे विनोद ने समस्त प्रतिभागियों को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से टीबी व अन्य बीमारियों की बेहतर देखभाल को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को तभी स्वस्थ किया जा सकता है, जब उनका उपचार का कोर्स पूरा हो और एक भी दिन दवा खाना न छोड़ें। साथ ही उन्हें बेहतर पोषण आहार व देखभाल प्रदान की जा सके। जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि जनपद में पिछले वर्ष कुल 4868 और इस वर्ष जनवरी से अब तक 445 टीबी रोगी नोटिफ़ाइ किए गए। वर्तमान में 2930 टीबी रोगियों का उपचार चल रहा है। शेष मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

 
 
 

Comments


Subscribe Form

  • YouTube
  • linkedin
  • twitter
  • facebook

©2020 by Alpayu Express. Proudly created with Wix.com

<script data-ad-client="ca-pub-7043038300255779" async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script>

google.com, pub-7043038300255779, DIRECT, f08c47fec0942fa0

bottom of page