या अली या हुसैन की आवाज हुई बुलंद!..इमाम हुसैन की सवारी दुलदुल घोड़े का निकाला जुलूस

मोहम्मद इसरार पत्रकार (उप संपादक)
जुलाई सोमवार 15-7-2024
गाजीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर सैदपुर तहसील क्षेत्र में हर वर्ष इमाम हुसैन के शहीद होने पर दूलदूल का घोड़ा का जुलूस निकाला जाता है। मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है। मुहर्रम की 7 तारीख पर हर वर्ष की भांति साथ इमाम हुसैन की सवारी दुलदुल (घोड़े) का जुलूस निकाला गया। मुस्लिम धर्म ग्रंथों के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि कर्बला में इमाम हुसैन के साथ उनका प्रिय (घोड़ा) भी शहीद हो गया था। उसी की याद में हर वर्ष दुलदुल का जुलूस निकाला जाता है। यह भी मान्यता है कि जो भी इमाम हुसैन का वाहन था, उसके सामने अपने गुनाहों को कुबूल कर लेने से खुदा माफ कर देता है, इसलिए दुलदुल को लोग अनेक प्रकार के पकवान खिलाकर खुश करते हैं, जिससे खुदा उनके गुनाहों को माफ कर देता है। सैदपुर में जहांगीर के घर से बुधवार को विशाल दूलदूल का जुलूस निकाला गया। जुलूस में दुलदुल घोड़ा को सजाया गया, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ थीं। बताया जा रहा है कि जो लोग दुलदुल घोड़ा का दर्शन करते हैं, उसकी सभी मन्नतें पूरी होती है। जहांगीर के घर से फातिहा के बाद इमाम हुसैन की सवारी दुलदुल (घोड़ा) का जुलूस हाशमी मोहल्ला हजरत शेख साहब सम्मान बाबा हरि चौराहा होते हुए इमामबाड़े इमामबाड़ा से मिट्टी लेकर प्रत्येक चौक पर रखते हुए या अली या हुसैन की आवाज बुलंद की।
मोहर्रम को लेकर पुलिस प्रशासन के साथ नगर पंचायत के लोग मुस्तैद रहा। अपनी पूरी टीम के साथ मौके पर मुस्तैद रहे। जुलूस को ले किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए। जुलूस निकालने वाली जगह और संभावित जगहों पर पुलिस बल को तैनात किया गया। इसके अलावा अफवाह फैलाने वालों लोगों पर पुलिस नजर रखी हुई थी।
इस मौके मोहम्मद शमी सद्दाम तैयब मोहम्मद जफर एडवोकेट मोहम्मद इसरार नज़र आजाद अब्बास कमल हसन अहसान रजा आदि मौजूद रहे
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