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मानवाधिकार दिवस, पर लोगों ने अपने अधिकार को जाना कार्यक्रम में मुख्य अतिथि चंदौली डिप्टी एसपी रामव

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वाराणसी/उत्तर प्रदेश


मानवाधिकार दिवस, पर लोगों ने अपने अधिकार को जाना

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि चंदौली डिप्टी एसपी रामवीर सिंह व पूर्व ज्वाइंट रजिस्टार अनिल परासर रहे।


मयंक कश्यप पत्रकार


वाराणसी।चंदौली प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। दुनिया में सभी को समानता का अधिकार मिले, इस दुनिया में जो भी हैं सभी समान रूप से जीने का अधिकार रखते हैं। इसीलिए हर साल 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।

10 दिसंबर को चंदौली के एक निजी विद्यालय में मानवाधिकार दिवस के शुभ अवसर पर मानवाधिकार CWA संस्था के सभी पदाधिकारियों संघ कार्यकर्ताओं ने इस दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व ज्वाइंट रजिस्टार अनिल परासर व चंदौली डिप्टी एसपी रामवीर सिंह रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाकर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। विद्यालय प्रांगण में उपस्थित सभी प्रतिष्ठित लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व ज्वाइंट रजिस्टार अनिल परासर ने विश्व मानवाधिकार दिवस के महत्व को बताते हुए कहा कि मानव अधिकार वह जो विश्व में रहने वाले हर मानव को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त हो, जो समूची दुनिया को एक सूत्र में बांधते हो, मानव अधिकार की रक्षा करते हो तथा स्वतंत्र रूप से जीवनयापन करने की छूट हो, किसी मनुष्य के साथ कोई भी भेदभाव नहीं हो यह मानव अधिकार है।

इस देश में मानव अधिकार के लिए सबसे पहले महात्मा फुले ने आवाज उठाई थी। इनके बाद आधुनिक भारत और 20वीं सदी के नायक डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने मानवों को उनके सामान्य अधिकार दिलाने के लिए हर तरह से लड़ाई लड़ी।

सन् 1950 में संयुक्त राष्ट्र ने विश्व मानवाधिकार दिवस मनाना तय किया। भारत में 28 सितंबर 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में लाया गया और 12 अक्टूबर 1993 राष्ट्रीय मानव आयोग का गठन किया गया। लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को घोषणा पत्र को मान्यता दिए जाने पर 10 दिसंबर का दिन मानवाधिकार दिवस के रूप में निश्चित किया गया।

महानगर अध्यक्ष और झारखंड प्रभारी ने बच्चों को मानवाधिकार दिवस के महत्व को बताया

वाराणसी महानगर अध्यक्ष व झारखंड प्रभारी सहदेव प्रताप सिंह ने विशेष तौर पर विद्यालय के बच्चों को संबोधित करते हुए अपने हक अधिकार और समाज में हो रहे मानव उत्पीड़न के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि बच्चों इस दुनिया में सभी लोग अधिकारों के मामले में बराबर है। देश के लोगों के बीच भाषा, नस्ल, रंग, लिंग, धर्म, अन्य विचार, संपत्ति, राजनीतिक आदि बातों के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इसलिए मानवाधिकार का निर्माण किया गया है। भारत में आज भी कई लोगों को मानव अधिकार के बारे में जानकारी ही नहीं है। पिछड़े गांवों में मानवाधिकार का हनन होना आम बात है। शहरों में जिन्हें जानकारी है, वे लोग गलत फायदा भी उठा लेते हैं। इस दिवस को मनाने का यही उद्देश्य है सभी को समानता का अधिकार मिले।मानवाधिकार दिवस मनाने को लेकर हर साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा परिस्थिति, दशा को ध्यान में रखते हुए एक थीम तय की जाती है। वर्ष 2021 में मानवाधिकार दिवस की थीम 'असमानताओं को कम करना, मानवाधिकारों को आगे बढ़ाना। रखी गई थी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मानवाधिकार CWA के चेयरमैन योगेंद्र सिंह योगी, वाराणसी महानगर अध्यक्ष व झारखंड प्रभारी सहदेव प्रताप प्रताप सिंह, रेनू सिंह महिला प्रमुख वाराणसी, अभिषेक कुमार सिंह प्रदेश प्रभारी, संजय यादव जिला अध्यक्ष वाराणसी, अभिषेक कुमार महासचिव वाराणसी, विकास कुमार सिंह मंडल प्रभारी वाराणसी, राजेश मौर्य जिला संगठन सचिव वाराणसी इसके अलावा संगठन के आदि लोग मौजूद रहे।

 
 
 

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