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भ्रष्टाचार की चिंगारी!...जेल में बंद ग्राम प्रधान‌ की अनुपस्थिति में कथित रूप से डिजिटल सिग्नेचर का हुआ दुरुपयोग

  • alpayuexpress
  • Jun 2
  • 2 min read

भ्रष्टाचार की चिंगारी!...जेल में बंद ग्राम प्रधान‌ की अनुपस्थिति में कथित रूप से डिजिटल सिग्नेचर का हुआ दुरुपयोग

अमित उपाध्याय पत्रकार (यूपी हेड)


जून सोमवार 2-6-2025

गाजीपुर:- खबर ग़ाज़ीपुर जिले से है जहां पर देवकली विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत लोनेपुर में भ्रष्टाचार की चिंगारी अब आग बन चुकी है। जेल में बंद ग्राम प्रधान‌ दिग्विजय यादव की अनुपस्थिति में कथित रूप से उनके डिजिटल सिग्नेचर (डोंगल) का दुरुपयोग कर 1,26,975 रूपए निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।इस गंभीर आरोप की जाँच का आदेश जिला पंचायत राज अधिकारी निलेन्द्र सिंह ने जारी किया है। प्राप्त शिकायत के अनुसार ग्राम पंचायत अधिकारी (सचिव) प्रफुल्ल कुमार पर आरोप है कि उन्होंने बीते 10 मार्च को, जब प्रधान हिरासत में थे, तब उनके घर के लोगों को धोखे में डालकर डिजिटल हस्ताक्षर एवं डोंगल का इस्तेमाल कर विकास कार्यों के नाम पर लाखों की धनराशि विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दी। इस संबंध में ग्राम पंचायत अधिकारी प्रफुल्ल कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि ग्राम प्रधान द्वारा जगह - जगह लगाने के लिए ह्यूम पाईप गिरवाये थे। उसका भुगतान किया गया। चंदौली जिले में एक घटना घटी तो उनका नाम आया। अलीनगर थाना में ग्राम प्रधान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ था। लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई थी। दस मार्च को ही भुगतान हो गया था। दोनों लोगों के डोंगल लगने के दो दिन बाद भुगतान हुआ था।

क्या कहा गया है आदेश में?:-ग्राम पंचायत अधिकारी (सचिव) प्रफुल्ल कुमार को 2 जून 2025 को समस्त मूल अभिलेखों सहित जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। मांगे गए दस्तावेज़ों में टेंडर, कार्य प्रमाण-पत्र, मापन पुस्तिका (एमबी), कैशबुक, स्टॉक रजिस्टर, कार्य की फोटो रिपोर्ट आदि शामिल हैं।

डिजिटल फ्रॉड या साजिश?:-प्रश्न ये उठता है,जब प्रधान जेल में थे, तब उनके डोंगल का प्रयोग कैसे हुआ? क्या यह सुनियोजित भ्रष्टाचार था या एक गहरी साजिश? यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह ग्राम पंचायतों में डिजिटल भ्रष्टाचार का एक खतरनाक उदाहरण बन सकता है।

अफसर सख्त, जांच में कोई ढील नहीं:-

जिला पंचायत राज अधिकारी निलेंद्र सिंह ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि इस प्रकरण में किसी भी स्तर पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि 2 जून को सचिव क्या स्पष्टीकरण लेकर आते हैं और क्या यह मामला एक और 'पंचायती घोटाले' का चेहरा बनेगा या किसी गहरी राजनीति की परछाई है।

(विश्वसनीय संवाद सूत्र)

 
 
 

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