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भांग व शराब का आदि था अर्दली का पुत्र।!...रेलवे क्रासिंग पर ट्रेन से आत्महत्या करने वाले युवक की शिनाख्त

भांग व शराब का आदि था अर्दली का पुत्र।!...रेलवे क्रासिंग पर ट्रेन से आत्महत्या करने वाले युवक की शिनाख्त


मोहम्मद इसरार पत्रकार (उप संपादक)


गाजीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर सैदपुर नगर के रेलवे क्रासिंग पर ट्रेन से आत्महत्या करने वाले युवक की शिनाख्त हो गयी। परिजनों को जानकारी मिलने के बाद उनमें कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सिद्धार्थनगर के गोल्हौरा थानाक्षेत्र के बरगदवा मऊ निवासी धर्मराज निषाद महराजगंज में जिलाधिकारी के अर्दली हैं। उनकी पहली पत्नी से उन्हें एक पुत्री व एक पुत्र हुए। बेटे का नाम दीपक निषाद था। वो 30 वर्ष का था। उसके बचपन में ही उसकी मां के निधन के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। जिससे एक और पुत्र है। पिता धर्मराज ने उसकी शिनाख्त करते हुए बताया कि बड़ा बेटा होने के चलते दीपक दुलार में थोड़ा बिगड़ गया था और काफी मात्रा में भांग खाता व शराब पीता था। पिता ने बताया कि वो अपने साथ एक इलेक्ट्रिक केतली व गिलोय व चिरैता लेकर चलता था। क्योंकि उसे लगता था कि उसे कैंसर बीमारी है और गर्म पानी, गिलोय व चिरैता पीने से ठीक हो जाएगा। पिता ने बताया कि उसकी शादी के लिए भी प्रयास किया गया लेकिन 25 से 30 रिश्तों को मना कर दिया। बताया कि उसे नौकरी दिलाने के लिए नगरपालिका में भी 3 बार नौकरी पर रखवाया लेकिन वो कुछ काम नहीं करना चाहता था और तीनों बार वो नौकरी छोड़कर भाग गया। पिता ने बताया कि मैनें उसे करीब सवा लाख रुपये की बाइक दिलवाई थी और 4 दिन पूर्व ही उसने बाइक को बिना किसी को बताए बेच दिया। जब मुझे पता चला तो मैं उससे नाराज हो गया और उसे सुधारने की गरज से कहा कि मैं अब आज के बाद तुमसे कभी बात नहीं करूंगा। तभी से धर्मराज अपने बेटे से बात नहीं कर रहे थे, जिससे दीपक आहत था। इस बीच बाइक की बिक्री से मिले रुपयों में बचे करीब 15 हजार रुपये, इलेक्ट्रिक केतली व चिरैता लेकर किसी तरह सैदपुर आया और सामान लिए हुए ही पटरी किनारे चला गया। वहां जब मालगाड़ी ट्रेन को आता देखा तो उसके सामने नहीं कूदा, बल्कि किसी मंदबुद्धि व्यक्ति की तरह पटरी किनारे खड़े होकर अपने सिर को ट्रेन के सामने झुका दिया। ये देख क्रासिंग पर खड़े लोग चिल्लाने लगे। इस बीच ट्रेन उसके सिर के परखच्चे उड़ाते निकल गयी और किनारे खड़े होने की वजह से उसके शरीर पर चोट तक नहीं आयी। उसकी मौत के बाद हड़कम्प मच गया। पुलिस ने उसके मोबाइल से उसके पिता को फोन किया लेकिन बेटे का फोन आने पर पिता को लग रहा था कि दीपक कर रहा है, इसलिए वो नहीं उठा रहे थे। कई घण्टे बाद जब उन्होंने फोन उठाया, तब जाकर उसके मौत की खबर मिली। जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया, वो रोते बिलखते हुए कोतवाली पहुंचे। पुलिस ने शव को मर्चरी से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

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