बिना राजस्व विभाग के अनुमति के!...चकरोड के नाम पर ग्राम प्रधान ने गांव के ही दबंगों से मिलकर तोड़वा दिया गरीब का आशियाना।
⭕एक तरफ सरकार विकलांगों को मुख्यमंत्री दिव्यांग आवास योजना देने में जुटी है वहीं दूसरी तरफ दबंग ग्राम प्रधान विकलांग का आशियाना ही तोड़वा रहा हैं
सुभाष कुमार ब्यूरो चीफ
गाजीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर ग्राम प्रधान की दबंगई कुछ इस कदर दिखाई पड़ रही है कि मौजूदा सरकार द्वारा दिए गए विकलांगों की सुविधा और सुरक्षा नाम मात्र कागजों पर रह गई है,आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का साफ निर्देश है कि किसी भी गरीब का झोपड़ी उजाड़ने वालों को बक्सा नहीं जाएगा लेकिन यहां तो कुछ उल्टा ही देखने के लिए मिला है एक गरीब का आशियाना भी उजाड़ दिया गया और कोई कार्रवाई भी नहीं हुई। न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है पीड़ित परिवार जब पीड़ित थाने पर अपनी फरियाद लेकर पहुंचा तब उसको पुलिस प्रशासन ने भी दिनभर थाने के अंदर बिठाकर इंतजार करवाया इतना ही नहीं दो दिन गुजर जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को कोई राहत नहीं मिली थाने से न्याय न मिलने पर पीड़ित परिवार ने पत्रकारों को सूचना दिया मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने पूरे मामले की जानकारी पीड़ित परिवार से लिया तो पीड़ितों ने रो रो कर अपनि पूरी दास्तान सुनायी। खबर गाजीपुर जिले के बिरनों थाना क्षेत्र के भवरहां ग्राम सभा के मौजा, भागमलपुर से हैं जहां बीते दिन दिनांक, 15,/11/2023, दिन बुधवार को ग्राम प्रधान अनिल राजभर ने चकरोड बनाने के नाम पर गांव वालों से मिलकर गांव के ही रहने वाले रामजन्म राजभर का आशियाना उजड़वा दिया गया जो कि वह व्यक्ति विकलांग है जिसका टीन सैड से बना बनाया मकान दिनदहाड़े बगैर किसी प्रशासनिक अनुमति के ही उजड़वा दिया गया। पीड़ित का कहना है कि हम लोग चिल्लाते रह रह गए लेकिन दबंगों ने हम लोग की एक भी नहीं सुनी अपना आशियाना आंखों के सामने उजड़ते देख गरीब परिवार के लोगों ने 112 नंबर पर भी कॉल किया लेकिन दुर्भाग्य बस 112 नंबर पर कॉल नहीं लग पाया तब गरीब परिवार ने आनंन फानन में थाना बिरनो को लिखित तहरीर देकर अवगत कराया और अपनी पूरी दास्तान सुनाएं लेकिन पीड़ित परिवार को कोई राहत नहीं मिला और किसी भी लोगों पर समाचार लिखे जाने तक कोई भी कार्रवाई अब तक नही हो पाई है। इस मामले की जानकारी पत्रकारों ने बिरनों थानाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव से लिया तो उन्होंने बताया कि वह जमीन राजस्व विभाग के लेखपाल द्वारा चिन्हित किया गया था वहीं पत्रकारों ने लेखपाल अजीत सिंह से जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी हमें नहीं है और उस जमीन में कोई चकरोड नहीं है और मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में स्वाल्य निशान खड़ा होता है कि ऐसा लापरवाह ग्राम प्रधान ने पुलिस प्रशासन को ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों की धजिया उड़ा दीया है ।ऐसे ग्राम प्रधान और दबंगों के ऊपर सक्ती से कार्रवाई होनी चाहिए । अब यह देखना है कि इन लोगों के ऊपर पुलिस प्रशासन द्वारा किस तरह की कार्रवाई होती है या नहीं।
Comments