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बिना फायर एनओसी के चला रहा स्कूल!...सैकड़ों मासूमों की जान खतरे में, मानक को ताक पर रख चला रहा स्कूल

बिना फायर एनओसी के चला रहा स्कूल!...सैकड़ों मासूमों की जान खतरे में, मानक को ताक पर रख चला रहा स्कूल


⭕स्कूल द्वारा नहीं लिया गया है एनओसी,एसडीएम सदर भी इस मामले को लेकर है गंभीर


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


गाजीपुर । नगर क्षेत्र के सिंचाई विभाग चौराहे लंका चुंगी के बीच एक 12 फीट की ब्रहम कुमारी गली में मेरी सिटी स्कूल संचालन अपनी दबंगई से बिना फायर ब्रिगेड से एनओसी जारी कराये ही स्कूल चला रहा है। सकरी गली में बने सड़क के दोनों तरफ दो फीट की नाली भी बनी हुई है। जिससे रास्ता और अधिक सकरा हो गया है। स्कूल संचालक काफी दबंग और मनबढ़ किस्म का है। इसकी दबंगई पूर्व से ही कायम है। दबंग और रसूखदार रिश्तेदारों की चापलूसी करके स्कूल चलाता है।

फायर ब्रिगेड की गाड़ी आपदा के स्थिति में स्कूल के बिल्डिंग तक नहीं पहुंच सकती है। क्योंकि गली बहुत सकरी है। इसलिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी या मदद के लिए कोई और बड़ी गाड़ी गली के अंदर नहीं पहुंच सकती है। ऐसे में स्कूल संचालक बच्चों की सुरक्षा के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहा है। करीब दो या ढाई विस्वा जमीन में इस स्कूल का निर्माण हुआ है। पहले तो स्कूल के संचालक ने अपने निवास के लिए मकान बनवाया, लेकिन बाद में उसने उस आवास में स्कूल चलाना शुरु कर दिया। स्कूल की बिल्डिंग के एक हिस्से में संचालक और उसका परिवार भी रहता है।

सैकड़ों मासूमों की जान खतरे में डालकर मौज के साथ कमाई करने वाला मेरी सिटी स्कूल संचालक मानक को ताक पर रख लाखो डकार रहा है। और इधर नगर खंड शिक्षा अधिकारी सूरदास बनकर बैठे हुए हैं। इन माहानुभव को मासूम बच्चों के जिंदगी से क्या लेना देना उन्हें तो निरीक्षण और जेब गर्म करने से मतलब है। साधारण परिवार से जुड़ा हुआ स्कूल संचालक आठ-दस वर्षो के अंदर अकूत संपत्ति का मालिक बन बैठा है। यह जांच योग्य मामला है लेकिन अभी तक किसी की निगाह इस पर नहीं पहुंची है।

मेरी सिटी स्कूल का संचालक स्कूल वाहन को मेन सड़क पर ही बेतरतीब ढंग से खड़ा करता है। जिससे कॉलोनी में आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूल संचालक के पास स्कूली वाहन खड़ा करने के लिए अपनी कोई भूमि नहीं है। स्कूल मैनुअल को ताक पर रख वाराणसी और लखनऊ में प्रशासनिक अधिकारी रिश्तेदारों की धौंस पर स्कूल चला रहा है। उसे गुमान है कि जिले स्तर का कोई भी अधिकारी उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं पाएगा। हर आफत से उसका रिश्तेदार उसे बचा लेगा।

मेरी सिटी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को असुरक्षित देखकर गार्जियन भी आक्रोशित दिखे। उनका कहना है कि स्कूल संचालक पढ़ने वाले बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। दमकल विभाग से एनओसी नहीं ली है। जबकि बच्चों की सुरक्षा के लिए फायर ब्रिगेड से एनओसी लेना अत्यंत जरूरी है। खुदा ना खास्ता स्कूल की बिल्डिंग में कोई दुर्घटना हो जाती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी नही पहुंच सकती है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ा सवाल है। वहीं एसडीएम सदर भी इस मामले को लेकर काफी गंभीर है उन्होंने जांच कर कार्यवाही करने की बात कही है।

वही मान्धाता सिंह फायर ब्रिगेड कार्यालय का कहना है कि मेरी सिटी स्कूल संचालक ने दमकल विभाग से निरीक्षण करवाकर एनओसी नहीं ली है। जबकि फायर सेफ्टी सिस्टम लगाना जरूरी है। अगर आगजनी की कोई घटना होती है तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर स्कूल संचालक कह रहा है कि हमने एनओसी ली है तो सरासर झूठ बोल रहा है। मेरी सिटी स्कूल को कोई भी फायर विभाग से एनओसी जारी नही किया गया है। उस स्कूल के बारे में मैं अच्छे से जानता हूं। एक सकरी गली में स्कूल संचालित होता है जो फायर ब्रिगेड के मानक के पूरी तरह विपरीत है। मेरी सिटी स्कूल एक सकरी गली में है वहां आपदा के स्थिति में फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच सकता है। ऐसे में सुरक्षा के दृष्टिकोण से मेरी सिटी स्कूल पूरी तरह से असुरक्षित है। इसलिए उसका एनओसी विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया।

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