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बिना गुरु के कल्याण संभव नहीं!...मानव जीवन में गुरु का स्थान सर्वोपरि,जीवन का मार्गदर्शन होता है गुरु:-महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन

  • alpayuexpress
  • Jul 21, 2024
  • 2 min read

बिना गुरु के कल्याण संभव नहीं!...मानव जीवन में गुरु का स्थान सर्वोपरि,जीवन का मार्गदर्शन होता है गुरु:-महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


जुलाई रविवार 21-7-2024

गाजीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर सिद्धपीठ हथियाराम मठ पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज ने कहा कि गुरु वह होता है जो शिष्यों को सही मार्ग पर लाता है। किसी भी व्यक्ति को महान बनाने में गुरु का आशीर्वाद स्वरुप मार्गदर्शन प्राप्त होता है। बिना गुरु के मार्गदर्शन के मानव जीवन का कल्याण संभव नहीं है। ऐसे में मानव जीवन में गुरु का स्थान सर्वोपरि है। उपरोक्त बातें रविवार को सिद्धपीठ हथियाराम मठ पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिष्य श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा।

सिद्धपीठ पर देश के कोने कोने से भारी संख्या में जुटे शिष्य श्रद्धालुओं के बीच सर्वप्रथम श्री यति जी महाराज ने अपने ब्रह्मलीन गुरु व सिद्धपीठ के पूर्व पीठधिपति महामंडलेश्वर स्वामी बालकृष्ण यति जी महाराज के श्री विग्रह का पूजन अर्चन कर आरती उतारी। तत्पश्चात उन्होंने शिष्य को संबोधित करते हुए कहाकि व्यक्ति के जीवन में गुरु कृपा का विशेष महत्व होता है। आज गुरु की पूजा करने का दिन बडा ही शौभाग्य से मिला है ।आज के दिन गुरु का आशीर्वाद जिसे प्राप्त हो वह बड़ा ही सौभाग्यशाली हैं। सत्संग में आना अच्छा है, जहां पर धर्म की प्राप्ति होती है। अगर जगत में गुरु नहीं रहते तो ब्रह्मांड में आग लग जाती जबकि नारी नहीं होती तो धर्म नहीं बचता। शिष्यों का सम्मान ही हमारा कर्तव्य है। देवियां ही धर्म का प्रतीक होती है, बिना पुरुष के स्त्री, बिना स्त्री के पुरुष अधूरा है। संपूर्ण ज्ञान की धारा गुरु मुख से होता है। गुरु का साक्षात दर्शन करना भी गुरुमुख होने से कम नहीं होता। यह सिद्धपीठ 900 वर्षों से 25 गुरुओं के तपस्या की पीठ है, जो आज सिद्धपीठ के नाम से विख्यात है। मै लोगों का आध्यात्मिक नमन करना चाहता हूं। सत्संग के भाव को लेकर श्री यति जी ने कहाकि जैसे एक भंवरा बगीचे में रस लेकर शहद बनाकर शहद का रस लेकर मस्त होता है। उसी तरह मैं विद्वतजनों के बीच रहकर में प्रसन्नचित रहता हूं। मैं शिष्यो के कल्याण के लिए परमात्मा से प्रार्थना करता हूं। भक्ति व आस्था के प्रति शिष्य हैं। जीवन में प्रसन्नता पाना है जो गुरु प्रसाद उनकी वाणी को ग्रहण करें। कार्यक्रम में काफी संख्या में वक्ताओं ने गुरु महिमा का बखान भी किया।

इस अवसर पर डॉक्टर रत्नाकर त्रिपाठी, देवरहा बाबा, डॉक्टर मंगला सिंह, पूर्व कमिश्नर जितेंद्र मोहन सिंह, राजेश्वर सिंह, विजेंद्र राय, भानु प्रताप सिंह, डॉक्टर सानंद सिंह, डॉक्टर ओपी सिंह बी एच यू , अखिलेश सिंह भरौली, रमेश यादव जिला पंचायत सदस्य , शिवानंद सिंह झुन्ना, काशी के वैदिक विद्वानों सहित काफी संख्या में लोग रहे। कार्यक्रम के उपरांत हजारों की संख्या में लोगों ने महाप्रसाद ग्रहण किया।

 
 
 

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