फर्जी लोगों द्वारा सामूहिक इस्तीफा का सिर्फ एक नाटक !...सपा विधायक जै किशुन साहू ने विवेक "शम्मी" पर पार्टी विरोधी कृत्यों का लगाया आरोप
सुभाष कुमार ब्यूरो चीफ
गाजीपुर । नगर निकाय शांतिपूर्ण से 13 मई को मतगणना के बाद संपन्न हो गया, लेकिन भाजपा की जबर्दस्त जीत पर विपक्षी नेता आपस में उलझ गए है, निकाय चुनाव में सपा से चेयरमैन पद का टिकट नहीं मिलने के बाद ऐन निकाय चुनाव से पहले इस्तीफा देने वाले शम्मी ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर जहां सपा से सदर विधायक जै किशुन साहू पर कई आरोप लगाए और दो सौ से ज्यादा अपने समर्थको के द्वारा सपा से सामूहिक इस्तीफा देने का दावा भी किया तो अब सदर विधायक जै किशुन साहू भी फ्रंट पर आ गए हैं, उन्होंने विवेक सिंह, शम्मी पर उल्टा गंभीर आरोप लगाते हुए भाजपा से सांठ गांठ के साथ व्यक्तिगत रूप से कई आरोप लगाते हुए कहा कि हाल में सपा से त्यागपत्र देने वाले समाजसेवी शम्मी दो बार सपा के टिकट पर चुनाव लडकर हर बार भाजपा प्रत्याशी से चुनाव हारकर सपा की नाक कटा चुके हैं और विवेक सिंह, शम्मी खुद भाजपा के एजेंट बन गये हैं और इसी आरोप के चलते उनके नाम पर कभी कोर कमेटी ने गंभीरता से सोचा भी नहीं, सपा में सिर्फ कार्यकर्ताओं को ही किसी भी पद के लिए नियमानुसार चुना जाएगा, और सपा ने सच्चे कार्यकर्ता रहे दिनेश पर आम सहमति बनाते हुए उन्हें नगरपालिका परिषद गाजीपुर में अध्यक्ष / चेयरमैन पद का प्रत्याशी बनाया था।गाजीपुर की सदर सीट से सपा विधायक जै किशुन साहू ने विवेक "शम्मी" पर आरोप लगाया कि ठेके पट्टे के साथ प्रापर्टी का कारोबार करने के साथ ये तथाकथित समाजसेवी पीजी कॉलेज में सरकारी कर्मी भी है और सपा को चकमा देकर टिकट लेने मे कामयाब हो गये थे, लेकिन इस बार पार्टी ने समर्पित कार्यकर्ता को टिकट देकर श्री सिह को चंदा जुटाने के साथ उनके प्रॉपर्टी डीलिंग के धंधे पर भी ग्रहण लगा दिया, और इन्हे लगने लगा कि अब झूठ नही चलेगा तो ये जो निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी की पीठ में छुरा भोंके वे ही अनर्गल बातें कर रहें, सदर विधायक ने कहा कि जल्द ही साक्ष्य सबूतों के साथ इनके घोटालों और पार्टी विरोधी कृत्यों का खुलासा किया जाएगा।सदर विधायक ने साफ किया कि इस बार चुनाव में सपा प्रत्याशी दिनेश यादव ने पूर्व में सपा के टिकट से चुनाव लड़े विवेक "शम्मी" से साढ़े तीन हजार वोट ज्यादा पाए हैं, और आज जो तथाकथित सपा कार्यकर्ता बनकर लोग इस्तीफा देने का नाटक किए हैं, वे सब भाजपा के लिए काम कर रहे थे और समाजवादी पार्टी को धोखा देने का काम किए। इनकी धोखेबाजी से ही आज सपा प्रत्याशी दिनेश यादव को हार मिली है जिससे समाजवाद शर्मसार हुआ है, दिनेश यादव धोखे के शिकार हुए हैं और ये बार बार नहीं होगा।
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