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प्रधान पति नाम का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है!...महिला प्रधान होते हुए भी उसके दायित्वों को पुर

प्रधान पति नाम का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है!...महिला प्रधान होते हुए भी उसके दायित्वों को पुरुष कर रहे:- अध्यक्ष बिमला मौर्या


आदित्य कुमार सीनियर क्राइम रिपोर्टर


गाजीपुर:-खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर जन ग्रामीण विकास संस्थान जखनियाँ गाजीपुर द्वारा संचालित कार्यक्रम 'ग्रामीण महिला सशक्तिकरण' के अंतर्गत "सरकारी अधिकारी/अन्य सेवादाताओं एवं मीडिया कर्मियों के साथ अर्धवार्षिक नेटवर्किंग और सम्मिलन बैठक" कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस बैठक में 10 ग्राम पंचायत से नारी संघ की 30 अगुवाओं, ब्लॉक स्तर के अधिकारियों, आशा, आंगनबाड़ी, ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक के साथ-साथ JGVS संस्थान प्रमुख श्रीमती विमला मौर्या जी के साथ अन्य कार्यकर्ता कुसुम जी, बृजेश जी, रमेश जी, अश्विनी जी एवं मनोज जी आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम के प्रांरभ में श्रीमती विमला जी ने सभी अधिकारीगण एवं सेवादाताओं का पुष्पाहार के साथ स्वागत किया गया. संस्थान प्रमुख श्रीमती विमला जी अपने उद्बोधन के माध्यम से सभी के सामने संस्थान के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुये ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के उद्देश्यों को सभी के सामने रखा और बताया कि यह कार्यक्रम 10 ग्राम पंचायतों के वंचित 2200 परिवार को जोड़कर उनको विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक करना, समुदाय के हक एवं अधिकार को सुनिश्चित करने के साथ-साथ महिलाओं पर हिंसा को रोकना एवं संवैधानिक मूल्यों की पहचान कराना है। सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक समुदाय को लाभ मिले और आपसी सौहार्द्र बढ़े यही संस्थान की लक्ष्य है। उन्होने समुदाय के महिलाओं एवं पुरुष के बीच यह संदेश दिया कि आज भी महिलाएं अपने अधिकार को पाने में विफल हैं इसका उदाहरण है कि महिला प्रधान होते हुये भी उसके दायित्वों को पुरुष कर रहा है और प्रधान पति नाम लेकर चल रहा है जबकि संविधान में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। हमें अपने अधिकारों को पहचानना है स्वयं से इसे हासिल करना है। वर्तमान में मनरेगा में महिलाओं की स्थिति न के बराबर है इसके लिए नारी संघ की अगुवाओं को मनरेगा के आवेदन एवं नवीनीकरण के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया और समाज परिवार के विकास में महिलाओं की भूमिका को स्पष्ट किया इसके साथ-साथ ग्राम सभा की खुली बैठक के लिए महिलाओं को आगे आने के लिए कहा. आशा एवं आंगनवाड़ी जैसे सेवादाताओं को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया और इसमें नारी संघ की भूमिका को स्पष्ट किया. सुपरवाइजर श्रीमती निर्मला जी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनको स्वयं सहायता समूह से जुड़कर विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित किया. इसके उपरांत RSETI से श्री लक्ष्मीकांत जी ने अपने विभाग से संचालित प्रशिक्षण जैसे वुमेन टेलर, कृत्रिम आभूषण निर्माण, गाय की गोबर से अगरबत्ती निर्माण, बकरी पालन, मत्स्य पालन, ब्यूटी पार्लर इत्यादि की जानकारी देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया. उन्होने बताया कि RSETI इन प्रशिक्षणों के लिए कोई शुल्क नहीं लेती है यह पूर्ण रूप से निशुल्क प्रशिक्षण होता है। प्रशिक्षण के उपरांत RSETI की तरफ से प्रत्येक प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के उपरांत सर्टिफिकेट आवंटित होता है जिसके आधार पर स्वयं सहायता समूह (SHG) को स्वरोजगार एवं आत्म-निर्भर बनने के लिए यूनियन बैंक से आर्थिक सहायता भी मिलता है। कार्यक्रम के अगले चरण में श्री प्रशांत सिंह एवं श्री विनीत पाण्डेय (जल विभाग) गाजीपुर ने नारी संघ को जल संरक्षण एवं स्वच्छता की जानकारी दिया और बताया कि महिलाएं घरेलू कार्यों से अधिक जुड़ी होती है इसीलिए इस कार्यक्रम में महिलाओं को प्राथमिकता दी गयी है। डॉ. ओम प्रकाश यादव (ग्राम प्रधान) खेताबपुर ने बताया कि विकास के अधिकांश कार्य क्षेत्र पंचायत के अधिकार में चला गया है जिससे ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के कार्य सीमित हो गये हैं और हम चाहकर भी बहुत सारे कार्यों को नहीं कर पाते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बृजेश यादव (कार्यक्रम समन्यवक) ने किया और कर्नाटक एवं केरल के ग्राम पंचायतों से अवगत कराया और वहां के आधार पर नारी संघ की अगुवाओं को कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

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