प्रतिबंधित मादक पदार्थो की बिक्री!...दुकान भांग की और बिक्री गांजा की यह खेल इस जिले में भी फल-फूल र
- alpayuexpress
- Apr 1, 2023
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प्रतिबंधित मादक पदार्थो की बिक्री!...दुकान भांग की और बिक्री गांजा की यह खेल इस जिले में भी फल-फूल रहा।

किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
ग़ाज़ीपुर:- दुकान भांग की और बिक्री गांजा की। यह खेल इस जिले में भी फल-फूल रहा है। ' जब इस गोरखधंधे की पड़ताल की तो आबकारी और पुलिस की मिलीभगत की पोल खुल गई। शहर से लेकर ग्रामीण अंचल में आवंटित भांग की दुकानों की आड़ में प्रतिबंधित मादक पदार्थो की बिक्री का खेल खुलेआम हो रहा है।दुकान पर पहुंचते ही दुकानदार यही पूछता है कि क्या चाहिए। इशारा साफ रहता है, उपभोक्ता को केवल 'माल' कहने की जरूरत है और फिर पुड़िया हाजिर। भांग की दुकानों पर गांजा बिकने की एक और पुष्टि इस तथ्य से होती है कि हाल ही में ग़ाज़ीपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम बराबर गांजे के साथ पकड़ती रहती है। भांग की दुकानों पर गांजा सप्लाई की बात प्रेस कान्फ्रेंस के जरिए करने की बात करते रहते हैं जिले में भांग की करीब 57 दुकानें लाईसेनशी हैं जिसमें शहर और ग्रामीण अंचलों में हैं। इस साल जिले में लगभग करोड़ रुपये के भांग का ठेका हुआ है। वहां गांजा बिक्री के जरिए करोड़ों रुपये की कमाई की जा रही है। तमाम दुकानें ऐसी भी हैं जहां लाईसेनशी ही नही है फिर भी भाग के जगह गांजा बिकता है धदेले से जैसे नन्दगंज में एक लासेन्स है औऱ ठेकेदार सबलू सिंह तीन दुकालासेन्सन चलाते हैं शादियाबाद कोई लासेन्स ही नही फिर भी थाने से 500 मीटर दूरी पर धड़ले से बिकता है गांजा लिहाजा वहां का ठेकेदार गांजा बिक्री की राह पर चल पड़ता है। मजेदार बात यह भी है कि आबकारी नियम के अनुसार कोई भी भांग की दुकान गुमटी में नहीं चलनी चाहिए किंतु मरदह में गलती रख कर चलवाते है ठेकेदार आप को बतादे की करीब 75 से 80 फीसदी दुकान गुमटियों में ही चल रही हैं। कई स्थानों पर तो फुटपाथ पर ही गांजा बेची जा रही है। जहां किसी तरह का कोई बोर्ड नहीं लगा है। ऐसे में तमाम अनुज्ञापी आबकारी विभाग के नियमों को दरकिनार कर अपनी भाग के जगह गांजे की 'दुकान' चला रहे हैं।
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