पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्म की खुशी में!..सैदपुर में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया जश्ने ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार
मोहम्मद इसरार पत्रकार (उप संपादक)
गाजीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर सैदपुर में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया जश्ने ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार शेख शाह सम्मन से हाशमी मोहल्ला होते हुए ईदगाह समाप्त हुआ इस जुलूस में बूढ़े बच्चे सभी लोगों ने बढ़ कर भाग लिए मिलाद-उन-नबी का पर्व पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। खास बात ये है कि उनकी जन्म और मृत्यु की तिथि एक ही है। मिलाद उन नबी का अर्थ है इस दिन नबी यानी अल्लाह के पैगंबर का जन्म हुआ था। बारा बफात का अर्थ है बारह और वफात यानी इंतकाल। यानी इन दोनों ही नामों का संबंध पैगम्बर हजरत मोहम्मद से है
हजरत मुहम्मद से
इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म अरब के मक्का में हुआ था। उनकी माता अमीना बीबी और पिता अब्दुल्लाह थे। हजरत मुहम्मद ने 25 साल की उम्र में एक विधवा स्त्री से विवाह किया, जिनका नाम खदीजा था। जब हजरत मुहम्मद को ज्ञान प्राप्त हुआ तो उन्होंने उस ज्ञान को क़ुरान नामक पवित्र किताब में लिख दिया। उनका उपदेश था कि मानवता को मानने वाला ही महान होता है।
मिलाद-उन-नबी के मौके पर मुस्लिम समाज के लोग ज्यादा से ज्यादा वक्त मस्जिद में नमाज अदा करते हैं और कुरआन की तिलावत करते हैं। इस दिन जररूतमंद लोगों को दान देना जरूरी माना जाता है, कहते हैं कि इससे अल्लाह खुश होते हैं। मिलाद-उन-नबी पर हजरत मुहम्मद की बातों को याद किया जाता है। इंतजामिया कमेटी के के लोग मौजूद थे सद्दाम तय्यब एडवोकेट है हाफिज दानिश रजा रियाज असलम कुरैशी प्रशासन भी मुस्तैद थी
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