पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए!...घाटों पर पितरों की पूजा पूरे विधि विधान से
मोहम्मद इसरार पत्रकार (उप संपादक)
गाजीपुर:- ख़बर गाजीपुर जिले से है जहां पर सैदपुर के प्रत्येक घाटों पर पितरों की पूजा पूरे विधि विधान से सभी लोगों ने किया, शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ पितृ पक्ष में जो भी धार्मिक कर्म कांड किए जाते हैं अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किए जाते हैं। माना जाता है कि हमारे पितृ व यानि पूर्वज कई प्रकार के होते हैं। इनमें कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें उनका दूसरा जन्म मिल जाता है तो कुछ को पितृलोक में जगह मिल जाती है। मान्यताओं की मानें तो पितृलोक में स्थान प्राप्त चुके होते हैं पितर हर वर्ष पितृ पक्ष में अपने वंशजों को देखने आते हैं। कहा जाता है इसी दौरान वे अपने वंशजों को आशीर्वाद या श्राप देते हैं। मगर ये यानि पितृ प्रसन्न कैसे होते हैं इसके बारे में पता कैसे चलता? अगर आपके मन में भी यही प्रश्न उठ रहा है तो उसे वहीं दबा दीजिए क्योंकि हम आपके इस प्रश्न का सवाल अपने साथ लेकर आएं हैं। जिससे पढ़ने के बाद आप अच्छे से जान जाएंगे कि पितृ प्रसन्न होने पर आपको कैसे पता चल सकता है
घर में रोज़ाना पूजा-पाठ:
अगर आप अपने घर में प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं सुबह शाम ज्योत जलाते हैं तो निश्चित ही आपके पितृ आप पर प्रसन्न होंगे। शास्त्रों के अनुसार जिस घर में भगवान की पूजा नहीं होती, उन्हें भोग नहीं लगाया जाता उस घर को इंसानों का नहीं बल्कि राक्षसों का निवास माना जाता है।
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