पुलिस की विवेचना रंग लाई!...बलात्कार के अपराधी को न्यायालय ने सुनाई 20 वर्ष की जेल और पन्द्रह हजार रुपए का अर्थदण्ड

आदित्य कुमार सीनियर क्राइम रिपोर्टर
गाजीपुर:- थाना प्रभारी द्वारा घटना होने के बाद किसी अपराधी मामले की विवेचना की शुरुआत अगर अच्छी होती है तो न्यायालय में उस आपराधिक मुकदमे का अंत भी अच्छा ही होता है और न्यायालय द्वारा अपराधी को उसके किए गए गुनाह की सजा मिल जाती है,आपको बताते चलें कि थाना शादियाबाद के प्रभारी रह चुके प्रभारी निरीक्षक महेश पाल सिंह द्वारा पाक्सो एक्ट के एक मामले की विवेचना बहुत ही अच्छे तरीके से तथ्यों को इकट्ठा करके किया गया,जिससे आज एक अपराधी को न्यायालय द्वारा बीस वर्ष की जेल और पन्द्रह हजार रुपए का अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई,इससे समाज में जो आए दिन होने वाली घटनाएं हैं उनमें कमी होगी और ऐसे अधिकारियों की जो प्रशंसा के पात्र होते हैं उनकी प्रशंसा करनी चाहिए*_आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला_*खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर शादियाबाद थाना मे पंजीकृत पाक्सो पोस्ट के एक मामले में मॉनिटरिंग सेल व अभियोजन द्वारा की गयी लगातार प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप दुराचार के अभियुक्त को दोषी करार देते हुए सजा दी गयी है। उल्लेखनीय है कि थाना शादियाबाद पर पंजीकृत पाक्सो एक्ट से सम्बन्धित उपरोक्त मुकदमा 26 जून 2023 को पंजीकृत हुआ था। इस प्रकरण में अभियुक्त बृजेश कुमार पुत्र रच्चन राम निवासी मोहब्बतपुर थाना शादियाबाद जनपद गाजीपुर के विरुद्ध लगातार किये गये प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप कुल 56 दिवस में माननीय न्यायालय ने पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का कठोर कारावास तथा पन्द्रह हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे छह माह का अतिरिक्त कारावास से दण्डित किया गया एवं धारा 506 भादवि में दो वर्ष से दण्डित किया गया ।
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