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दो बच्चों के अपहरण कांड का पुलिस ने किया खुलासा!... दिल्ली से बरामद बच्चों ने पिता पर लगाया मानसिक प

दो बच्चों के अपहरण कांड का पुलिस ने किया खुलासा!... दिल्ली से बरामद बच्चों ने पिता पर लगाया मानसिक प्रताड़ित करने का आरोप


सुभाष कुमार ब्यूरो चीफ


गाजीपुर। खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर पुलिस अधीक्षक द्वारा व अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नगर क्षेत्राधिकारी नगर कि कुशल मार्गदर्शन में दिनांक 23 मार्च 2023 को कोतवाली गाजीपुर क्षेत्र अंतर्गत आवास विकास कॉलोनी रौजा गाज़ीपुर में आवेदक हनुमान प्रजापति के दो नाबालिग बच्चो को कोतवाली की पुलिस टीम द्वारा बरामदगी दिनांक 22/03/2023 को दिल्ली से की गई ,पूछताछ से नाबालिक बच्चों द्वारा पिता हनुमान प्रजापति पर ही उन्हें मारने-पीटने और मानसिक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है, जिस कारण से परेशान होकर बच्चे घर छोड़कर चले गये । घटना का विवरण आवेदक हनुमान पुत्र राज नरायन निवास आवास विकास रजदेपुर रौजा थाना कोतवाली गाजीपुर के लड़के नागेन्द्र उम्र करीब 16 वर्ष व सच्चिदानन्द उम्र करीब 14 वर्ष ,घर से स्कूल जाने के लिए जो वापस नहीं आने के सम्बन्ध मे दिनांक 9 जुलाई 2022 को वादी मुकदमा हनुमान उपरोक्त द्वारा थाना स्थानीय पर तहरीर दिया गया प्रार्थना पत्र के आधार पर मुकदमा संख्या 361/2022 धारा 363 भादवि पंजीकृत किया गया था जिसके विवेचक द्वारा मुकदमा वादी के बयान, घटनास्थल निरीक्षण किया गया तथा गांव मे भी काफी लोगो से गुमशुदा बच्चो के बारे मे पूछताछ करते हुए लड़को का पम्पलेट व पोस्टर बनवाकर तलाश गश्ती कराई गई थी तथा बरामदगी हेतु दूरर्दशन व आकाशवाणी पर प्रसारण माध्यमों से भी तलाश करने हेतु प्रयास किया गया था। पोस्टर व पम्पलेट व सोशल मीडिया आदि माध्यमों से भी सूचना प्रसारित कर जानकारी कराने का प्रयास किया गया था। आवेदक द्वारा बताए गए संदिग्ध व्यक्ति शिव कुमार प्रजापति व विजय कुमार प्रजापति से भी पूछताछ किया गया। वादी मुकदमा के घर से रेलवे स्टेशन बस स्टैण्ड व स्कूल के जाने वाले रास्ते पर लगे CCTV फुटेज की जांच-पड़ताल किया गया। लड़के जहा पढ़ते थे वहा अध्यापक व साथ मे पढ़ने वाले बच्चो से भी वार्ता किया गया तथा बच्चो का पोस्टर व बैनर को मोहम्मदाबाद, सैदपुर, कासिमाबाद, जमनिया, करण्डा रेलवे स्टेशन औडिहार पर पोस्टर को चस्पा किया गया था। बच्चों के पास कोई मोबाइल फोन नही था अतः साइबर सेल के माध्यम से आधार कार्ड व अन्य माध्यमों से लगातार पुलिस इन बच्चो को तलाश में थी। विवेचक द्वारा लगातार बरामदगी के प्रयास के दौरान ही बच्चो के द्वारा एक दिन अज्ञात नंबर से अपने पिता के नंबर पर फोन किया गया जिसके आधार पर बच्चो के दिल्ली में होने की बात संज्ञान में आई, जिसपर त्वरित कार्यवाही करते हुए कोतवाली से एक पुलिस टीम को रवाना कर बच्चो की बरामदगी की गयी । प्रारम्भिक पुछताछ में बच्चो द्वारा बताया गया कि उनके पिता हनुमान प्रजापति द्वारा उन्हे मारा-पिटा जाता था तथा अन्य प्रकार से भी प्रताड़ना दी जाती थी जिससे छुब्थ होकर बच्चे स्वयं से घर छोड़कर चले गये थे ।

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