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जिले में लोगों के मौलिक अधिकारों का हो रहा हनन!...प्रार्थना सभा या धर्मांतरण बिना साक्ष्य के किस आधा

जिले में लोगों के मौलिक अधिकारों का हो रहा हनन!...प्रार्थना सभा या धर्मांतरण बिना साक्ष्य के किस आधार पर प्रार्थना सभा को बताना धर्मांतरण


आदित्य कुमार सीनियर क्राइम रिपोर्टर


गाजीपुर:- प्रार्थना सभा या धर्मांतरण बिना साक्ष्य के किस आधार पर प्रार्थना सभा को धर्मांतरण बताना। किसी संगठन द्वारा जब धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी कराई जाती है उस संगठन के पास क्या साक्ष्य होता है।शिकायत झूठी मिलने पर संगठन पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर पुलिस विभाग क्यों नहीं जांच करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार प्रदान करता है। मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर तमिलनाडु में जबरन धर्मांतरण करने की घटना के बारे में शिकायत की गई थी। याचिका करता ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी सीबीआई केंद्रीय जांच द्वारा तमिलनाडु में एक 17 वर्षीय लड़की की मृत्यु के मूल कारण की जांच करने की मांग की याचिका करता का आरोप है ,की लड़की को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए मजबूरन किया गया था। याचिका में तर्क दिया गया था, कि जबरन या धोखे से धर्मांतरण मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। तमिलनाडु सरकार ने इसका जवाब देते हुए कहा है, कि मिशनरियों (प्रचारको)को द्वारा ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करने को अवैध रूप से नहीं देखा जा सकता है क्योंकि संविधान प्रत्येक नागरिक को अनुच्छेद 25 के तहत अपने धर्म का प्रचार करने अधिकार प्रदान करता है। ताजा मामला जनपद गाजीपुर के भुडकुडा कोतवाली अंतर्गत कवला जखनिया से निकलकर आ रहा है। जिसमें यह बताया जा रहा है कि लोगों को धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रलोभन दिया जाता है।  दुख तकलीफ को दूर करने के लिए दुआ किया जाता है। सूचना मिलते ही काफी पुलिस बल मौजूद हो गया। और मौजूद लोगों से पूछताछ  शुरू कर दिया जिसमें लोगों ने बताया कि हम लोग यीशु मसीह के नाम से प्रार्थना करते हैं और दुख दूर करने हेतु ईश्वर से विनती करते हैं। इसी बीच कुछ महिलाओं ने बताया कि सृष्टि सेवा संस्थान के द्वारा महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधित जागरूक किया जा रहा था सैनिटरी पैड के बारे में बताया जा रहा था।*प्राथना सभा या धर्मांतरण*

सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस बल मौके पर मौजूद हो गया और घटना की जानकारी लेने के लिए एक-एक लोगों से बयान लेने लगे। अब देखना यह है, कि प्रार्थना सभा कराई जा रही थी या धर्मांतरण हो रहा था क्योंकि सूचना धर्मांतरण की ही दी गई थी जब वहां लोगों द्वारा पूछताछ किया गया तो धर्मांतरण का किसी प्रकार का कोई जिक्र सामने नहीं आया।

धर्म की स्वतंत्रता से संबंधित कुछ दिए गए प्रावधान

👉 अनुच्छेद 25: यह धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है जिसमें किसी धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने ,अभ्यास करने और प्रचार करने का अधिकार शामिल है।

👉 अनुच्छेद 26 यह धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता देता है।

👉 अनुच्छेद 27 यह किसी धर्म विशेष के प्रचार के लिए करो के भुगतान के रूप में स्वतंत्रता निर्धारित करता है।

👉 अनुच्छेद 28 यह कुछ शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा अथवा धार्मिक पूजा में उपस्थित होने की स्वतंत्रता देता है।

भारतीय संविधान में धर्म के प्रति स्वतंत्रता से संबंधित बहुत नियम कानून बनाए गए हैं लेकिन गाजीपुर जनपद में किस तरह से लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है यह सभी देख रहे हैं। भुडकुडा कोतवाल तारावती देवी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

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