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जिलाध्यक्ष रामधारी यादव की अध्यक्षता में!...स्वर्गीय मुलायम सिंह की श्रद्धांजलि सभा सरजू पांडे पार्क

  • alpayuexpress
  • Nov 21, 2022
  • 3 min read

गाजीपुर/उत्तर प्रदेश


जिलाध्यक्ष रामधारी यादव की अध्यक्षता में!...स्वर्गीय मुलायम सिंह की श्रद्धांजलि सभा सरजू पांडे पार्क में आयोजित हुई।


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


गाजीपुर:-प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आज दिनांक 20 नवंबर को समाजवादी पार्टी गाजीपुर के तत्वावधान में जिलाध्यक्ष रामधारी यादव की अध्यक्षता में समाजवादी पार्टी के संस्थापक,संरक्षक,देश के रक्षामंत्री एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे धरती पुत्र एवं जननायक स्व.मुलायम सिंह यादव के निधनोपरान्त उनकी स्मृति में एक सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा शहर मुख्यालय स्थित सरजू पांडे पार्क में आयोजित हुई।

इस श्रृद्धांजलि सभा में दलीय सीमा तोड़कर सभी राजनीतिक दलों के लोगों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर नेताजी को नमन करते हुए अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया ।

इस श्रृद्धांजलि सभा में सभी वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला और उनके किये गये कार्यों की चर्चा करते हुए भरपूर प्रशंसा की।

इस श्रृद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने नेता जी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया और कहा कि उनका जाना बेसमय हुआ है आज के राजनीतिक परिदृश्य में मुल्क को उनकी बहुत जरूरत थी। वक्ताओं ने नेता जी के लड़ाई और सोच को आगे बढ़ाते हुए नेता जी के आदर्शों एवं उनके बताए रास्ते पर चल कर जनसेवा करने का संकल्प लिया।

वक्ताओं ने उन्हें सर्वसमाज का‌ नेता बताया और कहा कि वह शिक्षक, अधिवक्ता,किसान,नौजवान,छात्र,सैनिक,महिलाएं,बेरोजगार,मुसलमान ,कलाकार, साहित्यकार तथा समाज का कोई ऐसा वर्ग नहीं रहा जिसके हित में मुलायम सिंह जी की कलम न चली हो । वक्ताओं ने कहा कि नेता जी ने लोहिया और जयप्रकाश जी के सिद्धांतों और उनके सपनों को अमलीजामा पहनाने का काम किया।उनके निधन से समाजवादी पार्टी ही नहीं बल्कि देश के समाजवादी आंदोलन और भारतीय राजनीति को अपूर्णीय क्षति हुई है। वह लोकनायक जयप्रकाश नारायण और डॉ लोहिया के बाद समाजवादी आंदोलन के मजबूत स्तंभ थे। वह लोकतंत्र के सजग प्रहरी थे। उनके निधन से आज देश के गरीबों, शोषितों,पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आवाज पूरी तरह से खामोश हो गयी है।वह सामाजिक न्याय और और धर्मनिरपेक्षता के प्रबल पक्षधर और सशक्त पैरोकार थे।वह सम्बन्धों के धनी थे, सम्बन्ध निभाने में उनका कोई जोड़ नहीं था। सम्बन्धों को निभाने में वह कभी कभी दलीय सीमा को भी तोड़ देते थे। सभी वक्ताओं ने कहा कि उनका कृतित्व वर्षों वर्षों तक याद किया जाएगा और वह हम सब के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि नेता जी सभी का सम्मान और सभी की मदद करते थे । वह पक्ष के पहाड़ थे। चाहे पक्ष का हो चाहे विपक्ष का जिनके साथ वह खड़े होते थे अन्त तक खड़े रहते थे। उनके निधन से पक्ष हो चाहे विपक्ष सभी दुखी हैं। उनके निधन से भारतीय राजनीति के एक युग का अवसान हो गया है।

गरीब उनकी राजनीति के केन्द्र में था। वक्ताओं ने गरीबों के हित में किये गये उनके कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने बेरोजगारी भत्ता,कन्या विद्याधन,मुफ्त पढ़ाई, मुफ्त दवाई और मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था उन्होंने किया था। और हर जिले में अधिवक्ताओं के लिए अधिवक्ता भवन का निर्माण कराया था।उन्होंने ही रक्षा मंत्री रहते हुए सीमा पर तैनात शहीद सैनिकों का शव उनके घर पहुंचाने का इंतजाम किया था । वह आजीवन समाज से गैरबराबरी समाप्त कर समता मूलक समाज बनाने की लड़ाई लड़ते रहे।वक्ताओं ने यह भी कहा कि यह उनके व्यक्तित्व का ही कमाल था कि लोगों ने दलीय सीमा तोड़कर क्या पक्ष क्या विपक्ष सभी उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।

सांसद अफजाल अंसारी ने नेता जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नेता जी को सर्वमान्य नेता बताया और भारत सरकार से उन्हें भारत रत्न सम्मान देने की मांग किया। उन्होंने नेता जी को गरीबों का रहनुमा और हर दिल अजीज बताते हुए कहा कि नेता जी एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचार थे। गैरबराबरी के खिलाफ वह आजीवन संघर्ष करते रहे। उनकी संघर्ष गाथा हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है। हमें उनके जीवन से यह प्रेरणा मिलती है यदि व्यक्ति संघर्ष करेगा तो उसके लिए कोई मंजिल नामुमकिन नहीं है ।

जमानियां विधायक ओमप्रकाश सिंह ने नेता जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि नेता जी अपने कार्यों, विचारों, वसूलों और सिद्धान्तों के लिए हमेशा याद किये जायेंगे। नेता जी मरे नहीं बल्कि अमर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह जैसे नेता आज भारत की राजनीति में दुर्लभ हो गये है। उनके अंदर संघर्ष करने की अद्भुत क्षमता थी। उनके मन में गरीबों के लिए गहरी वेदना और पीड़ा थी। जब भी अवसर मिला गरीबों ही नहीं समाज के हर तबके के लिए दिल खोलकर कलम चलाई। वह सत्ता की राजनीत

 
 
 

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