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जामा मस्जिद में रहा जश्न का माहौल पहले दौर की तरावीह हुई खत्म

जामा मस्जिद में रहा जश्न का माहौल पहले दौर की तरावीह हुई खत्म


मोहम्मद इसरार पत्रकार (उप संपादक)


गाज़ीपुर:- जामा मस्जिद में: दो पारह वाली तरावीह चल रही थी आखिरकार रविवार को एक कुरआन मुकम्मल हो गया। इस मस्जिद में सोमवार से दोबारा कुरआन शुरू कर दिया जाएगा। दरअसल रमजान महीने में रात की नमाज के बाद विशेष नमाज (तरावीह) में कुरआन का पाठ किया जाता है। पूरे रमजान में कम से कम एक बार कुरआन का पूरा होना जरूरी माना जाता है। कुरान में तीस पारे (भाग) होते हैं। कुछ मस्जिदों में एक पारा रोज पढ़ाया जाता है लेकिन ऐसी स्थिति में एक ही बार कुरआन पूरा हो पाता है। ज्यादा से ज्यादा बार कुरआन पूरा होने के नजरिए से दो लेकर पांच पारे रोज वाली तरावीह पढ़ाए जाने की परम्परा है। एक वजह यह भी होती है कि एक पारा वाली तरावीह में यदि कोई शख्स एक रोज भी मस्जिद नहीं जा पाया तो उसका कुरआन अधूरा रह जाता है।मस्जिद में रहा जश्न का माहौल पहले दौर की तरावीह खत्म होने के बाद रविवार को जामा मस्जिद में जश्न का माहौल रहा। हाफिज वकार साहब को लोगों ने नजराना-ए-अकीदत पेश किया। इसमें कपड़े,और पैसे तोहफे में दिए गए। तरावीह खत्म सोमवार से दूसरे दौर की तरावीह शुरू कर दी जाएगी। यहां आज खत्म होगी तरावीहपहले दौर की तरावीह में रविवार को जश्न ऐसा माहौल देखने को मिला इसलिए एक दिन यहां बढ़ाया गया है।रमजान के पहले जुमे में मस्जिदों में उमड़ा हुजूमरमजान के पहले जुमे को मस्जिदों में नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा। नमाज से पहले मस्जिदों के इमाम शकील मौलाना साहब ने रमजान की फजीलत पर तकरीर दी। इस मौके पर मौलाना शम्स तबरेज ने बयान किया कि रमजान के महीने में कुरआन नाजिल हुआ था। इसलिए रोजेदार चाहिए कि पाबंदी से कुरआन की तिलावत करें। उन्होंने कहा कि लोगों को बराबरी से तरावीह पढ़नी चाहिए, साथ ही अपने बच्चों को दुनियाबी तालीम के साथ हाफिज ए कुरआन भी बनाएं। मौलाना अरमान राजा साहब ने कहा मुकम्मल हुआ है सोमवार से सूरह तरबी शुरू हो जाएगा इस मौके पर मौजूद लोग मोहम्मद सफीक अब्दुल कारी सिद्दीकी हाजी हाफिज आलम इरफान सभासद हाफिज दानिश राजा साहब मोहम्मद शाहिद नूर कैसर आफताब आलम मोहम्मद इसरार सिद्दीकी इत्यादि लोग मौजूद थे

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