छुट्टा पशुओं से बर्बाद हो रही करंडा के किसानों की फसल!...कुसुमहींकला गांव के किसानों का छलका दर्द
अमित उपाध्याय मंडल ब्यूरो चीफ
गाजीपुर। छुट्टा पशुओं के लिए किसानों के खेत अब रात्रिकालीन चरागाह में परिवर्तित होने लगे हैं और किसान अपनी फसल को बर्बाद होते देख अपना माथा पीट सरकार को कोस रहे हैं। किसानों का कहना है कि लाख कवायद के बाद भी आज तक किसानों को छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने में सरकार पूरी तरह असफल रही है। बेबस किसान खेतों में अपनी लागत और मेहनत की गाढ़ी कमाई को छुट्टा पशुओं से नष्ट होते देख अपना माथा पीट रहे हैं।
कहने को सरकार द्वारा छुट्टा पशुओं को पकड़ने का तुगलकी फरमान जारी होता रहता है, पर जमीनी हकीकत यह है कि गांवों के खेतों में आज भी छुट्टा पशुओं की भरमार है। करंडा के कुसुमहींकला गांव में किसान संतोष सिंह कुशवाहा और रामकृत ने खंड विकास अधिकारी वृजेश कुमार अस्थाना पर गंभीर आरोप लगाया है
छुट्टा पशुओं द्वारा झुण्ड बनाकर इनके खेतों में घुसकर खड़ी फसलों को खाकर और रौंदकर नष्ट किया जा रहा हैं। किसान दिन रात मेहनत करके अपनी फसलों की रखवाली कर तो रहे हैं फिर भी भारी भरकम पशुओं का झुंड किसानो की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। सावधानी हटते ही हरी भरी फसल बर्बादी की भेंट चढ़ जा रही है।करंडा ब्लांक के कई दर्जन गांवों में छुट्टे आवारा पशुओं के आतंक से किसान परेशान हैं। छुट्टे आवारा पशुओं से फसलों की बर्बादी इस कदर चरम पर है कि दर्जन भर से ऊपर पशुओं के समूह देखे जा सकते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बर्बादी से तंग गांव के अनेकों किसान ने जिला प्रशासन द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर काल करके शिकायत तो दर्ज कराया है परन्तु कोई संतोषजनक हल नहीं होने से किसान काफी चिंतित हैं। गौरतलब हो कि किसानों की कड़ी मेहनत और लागत किसी से छिपी नहीं है। खेती में अथक परिश्रम और मंहगी लागत बेकार होते देख सरकार के प्रति किसानों में रोष है और सबके सब सरकार को कोस रहे हैं। किसान सरकार के प्रति अपनी नाराज़गी दर्ज कराते हुए छुट्टे आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की है।
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