ग्राम प्रधान के अहंकार की भेट चढ़ा पशुपालक किसान!...गांव के लाभार्थी का पशु शेड आईडी बनने पर आग बबूला हुए मटेहूं ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव।
सुभाष कुमार ब्यूरो चीफ
ग्राम प्रधान की चतुराई काम नहीं आई लाभार्थी ने उड़ा दिया,ग्राम प्रधान के दिन का चैयन।
सितम्बर शुक्रवार 6-9-2024
गाज़ीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर मरदह ब्लॉक के ग्राम सभा मटेहूं से है जहां आज दिन बृहस्पतिवार को ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव ने ऐसी बात बताएं जिससे ब्लॉक के अधिकारी सहित कर्मचारी भी जानकर हैरान हो गए। आपको बता दें कि सरकार की मंशा के अनुरूप ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब पशुपालक किसानों को सरकार की तरफ से मनरेगा योजना के तहत पशु शेड बनाने के लिए धनराशि दिया जाता है ताकि गरीब पशुपालक किसान अपने पशुओं को सुरक्षित रख सके । वहीं इसी योजना का लाभ लेने के लिए ग्राम सभा मटेहूं की रहने वाली मंजू देवी ने कुछ दिन पहले पशु शेड बनवाने के लिए अपने गांव के ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव से सरकारी दस्तावेजों पर साइन मूहर लगवाकर मरदह ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों को दे दिया था।
वहीं ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारीयों एवं कर्मचारियों ने पशुपालक किसान मंजू देवी की दस्तावेजों को प्रक्रिया में लेते हुए उनके गांव जाकर धरातल पर निरीक्षण किया गया तब उन्होंने पाया कि मंजू देवी को पशु शेड कि अति आवश्यक है। वहीं ब्लॉक के अधिकारियों द्वारा मंजू देवी को पशु शेड बनवाने के लिए उनकी आईडी बना दिया गया था तभी इस मामले की जानकारी जब ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव को चली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई उन्होंने तुरन्त मरदह ब्लॉक में जाकर अधिकारियों सहित कर्मचारीयों को खरी खोटी- सुनाना शुरू कर दिए। वहीं आग बबूला होने का करण जब खंड विकास अधिकारी अनुराग राय ने ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव से लिया तो उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले मेरे ही गांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने मुझसे कागजात पर साइन मूहर लगवाया था मगर मुझको विश्वास नहीं था कि मंजू देवी को ब्लॉक से पशु शेड बनाने की अनुमति मिल पाएगी। मगर मुझको बताया गया है कि मेरे गांव की रहने वाली मंजू देवी को पशु शेड बनवाने की अनुमति मिल चुकी है इस लिए हम इतने परेशान हो रहे हैं। वहीं इस मामले में खण्ड विकास अधिकारी अनुराग राय ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है। वहीं इस मामले की जानकारी जब पत्रकारों ने ब्लॉक के एपीओ विनय प्रकाश से लिया तो उन्होंने बताया कि सभी प्रक्रियाओं को पूरी करते हुए पशु शेड बनाने के लिए लाभार्थी को अनुमति दिया जा रहा था ग्राम प्रधान का जो आरोप है बिल्कुल गलत है।अब आप तो समझ ही गए होंगे कि ग्राम प्रधान अपनी गलतियों को छुपाने के लिए दूसरों के ऊपर आग बाबूला क्यों हो रहे थे। अब यह देखना है कि पशुपालक किसान मंजू देवी का पशु शेड बनता है या ग्राम प्रधान के राजनीतिक अहंकार का भेट चढ़ जाता है। यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है
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