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गाजीपुर पुलिस आईजीआरएस पर धड़ाधड़ फर्जी निस्तारण!...जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जीवाड़ा,ये मामला जानकार तो

गाजीपुर पुलिस आईजीआरएस पर धड़ाधड़ फर्जी निस्तारण!...जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जीवाड़ा,ये मामला जानकार तो आप अपना सिर पीट लेंगे!


किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार


गाजीपुर:- जनसुनवाई पोर्टल अपराध कार्यों से लेकर बुनियादी समस्याओं के समयबद्ध और समुचित समाधान के लिए बनाए गए जनसुनवाई पोर्टल अफसरों की आंकड़ेबाजी के कारण मजाक बन गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा थी कि पोर्टल के जरिए लोगों की भागदौड़ बचेगी और उन्हें अपने घर और क्षेत्र में ही अपनी शिकायतों का निदान मिल जाएगा पर कमोवेश हर विभाग जनसरोकार से जुड़ी शिकायतों को लेकर उदासीन है। मीडिया कुछ ऐसे ही मामलों की पड़ताल कर रहा है, ताकि प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही को सामने लाने वालों का हौसला न टूटे और आम लोगों को व्यवस्था परिवर्तन का अहसास हो।

पीड़ित दिव्यांग संदीप कुमार गाजीपुर के ददरा, थाना खानपुर, जिला गाजीपुर का रहने वाला है। और विकलांग एवं अनुसूचित जाति का है। पीड़ित का छोटा भाई प्रदीप सिंघानिया ने महमूदपुर सैदपुर की रहने वाली ज्योति यादव से कोचिंग सेंटर में पढ़ने के दौरान आपस में प्रेम प्रसंग हो गया। जिसके बाद दोनों ने आर्य समाज मंदिर प्रयागराज से शादी कर लिया था। पत्नी के चाचा गुड्डू यादव हमारे घर आकर हमारे माता-पिता एवं भाई बहन को जातिसूचक भद्दी भद्दी गालियां देते हुए धमकी दिया यदि मेरी भतीजी को जल्द से जल्द वापस बुलाकर हमारे हवाले करो अन्यथा तुम लोगों को बुरी तरह फंसा कर जिंदगी बर्बाद कर दूंगा और तुम्हारे परिवार को गोली मरवा दूंगा या किसी तरह हत्या करवा दूंगा। पीड़ित का परिवार डरे सहमे प्रदीप सिंघानिया का पता लगाकर उसको घर बुलवाएं तथा ज्योति के चाचा को भी बुलवाएं तब ज्योति के चाचा ने कहा कि चार-पांच माह के लिए हमारे घर ज्योति को छोड़ दो इसके बाद हम विदा कर देंगे 30 अप्रैल 2022 को पीड़ित अपने भाई दीपक औड़िहार बाजार से ढईचा का बीज खरीद कर महमूदपुर के रास्ते वापस घर आ रहे थे। तभी ज्योति का भाई दुर्गेश यादव शादी को लेकर रंजिश में था। हम पीड़ितों को रोका और कहा कि चलिए चाचा बुला रहे हैं। कुछ जरूरी बात है।

अपने घर बुलाकर दुर्गेश तथा उनके घर के सभी सदस्यों ने गाली गलौज देते हुए मुझे और मेरे भाई को बांध कर आक्रामक रूप से मारने पीटने लगे जिसमें मेरे छोटे भाई दीपक का सिर फट गया तथा एक कान का पर्दा फट गया। विपक्षियों ने 112 नंबर की पुलिस बुलाकर उसको साजिश में लेकर हम पीड़ितों को डरा धमका कर भगा दिया गया। जब हम पीड़ितों ने मरहम पट्टी कराकर थाना सैदपुर में अपना मुकदमा लिखवाने के लिए गए तो उल्टा हमें ही 151 की धारा में चालान कर दिया गया। पीड़ित संदीप का कहना है कि वह एक साल से पुलिस विभाग के आला अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहा है। लेकिन अभी तक उसको न्याय नहीं मिल पाया है। जबकि दबंगों द्वारा उल्टा ही पुलिस विभाग के साथ मिलीभगत करके संदीप व उसके पूरे परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया गया है।

साक्ष होने के बावजूद भी पुलिस विभाग द्वारा जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जी निस्तारण कर दिया गय

पीड़ित संदीप ने बताया कि घटना से जुड़ी सारे साक्ष प्रमाण मेरे पास मौजूद है। शादी सर्टिफिकेट शादी की फोटो ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग तथा अन्य दस्तावेज फोन कॉल रिकॉर्डिंग घटनास्थल की ऑडियो रिकॉर्डिंग जैसे एविडेंस होने के बाद भी गाजीपुर पुलिस द्वारा दबंगों के साथ मिलीभगत करके केस व कारवाही में लीपापोती की गई है।

जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जी निस्तारण मामले में पुलिस विभाग के ऊपर हो कार्यवाह

आपको बता दें गाजीपुर के सैदपुर थाने पर तैनात उपनिरीक्षक संजय सिंह द्वारा आवेदक से घटना से जुड़ी किसी भी प्रकार की साक्ष की मांगा नही किया गया और एक पक्षी कार्रवाई करते हुए जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जी निस्तारण कर दिया गया। इस पूरे मामले में आवेदक द्वारा पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों को ईमेल व ट्विटर के द्वारा मामले की जानकारी दी गई है। और इस मामले में लीपापोती कर रहे पुलिस विभाग के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग की गई है।

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