क्या यही है गाजीपुर जिले की कानून व्यवस्था ?!...कभी जिंदा को बता दिया जाता है मुर्दा, तो कभी गोली कांड की घटना को दे दिया जाता है मारपीट का रूप
किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
⭕नेता हो तो MLC विशाल सिंह चंचल जैसा!...गाजीपुर जिले के एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने जीत लिया जनता का विश्वास
गाजीपुर:-तारीफ के काबिल जो होता है उसकी लोग खुद तारीफ करते हैं, अगर आज गोली कांड की घटना को सही समय पर एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने संज्ञान नहीं लिया होता तो गाजीपुर जिले के एसपी ओमवीर सिंह के लापरवाह दरोगा तेज बहादुर सिंह ने तो पीड़ित को ही अपराधी बना दिया होता,
अगर देखा जाए तो गाजीपुर कोतवाली के कोतवाल तेज बहादुर सिंह के लापरवाही के कारनामे अल्पायु एक्सप्रेस न्यूज़ द्वारा लगातार उजागर किए जा रहे थे लेकिन गाज़ीपुर एसपी द्वारा मामले को गंभीरता से कभी भी नहीं लिया गया ,इसी कारण से इस मनबढ दरोगा का कारनामा दिन-ब-दिन बढ़ता चला गया, आज यही कारण है की एमएलसी विशाल सिंह चंचल को जनता दरबार में जब एक पीड़ित ने अपने साथ हुए गोली कांड की घटना की जानकारी दी तो, एमएलसी विशाल सिंह चंचल सहित उनके प्रतिनिधि द्वारा ,मीडिया प्रभारी द्वारा पीड़ित को अस्पताल में भरती करने से लेकर इलाज करने तक एक-एक बिंदु पर विशाल सिंह चंचल की नजर रही और आज यही कारण है की एक स्वच्छ छवि का नेता जनता के सुख-दुख में खड़ा है इसमें दो राय नहीं है
अब गाजीपुर जिले में जिस प्रकार से लापरवाही की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ रही है इससे लगता है की गाजीपुर की कानून व्यवस्था ठीक नहीं है जब गाज़ीपुर पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के कार्यालय से कुछ ही दूरी पर लापरवाही की इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया गया और गाज़ीपुर एसपी का बयान है कि मुझे आज ही पता चला है तो बताइए घटना कब हुई है और गाज़ीपुर एसपी को जानकारी कब हो रही है क्या ? गाजीपुर जिले के हर थानों में तीसरी नजर यानी सी सी कैमरा लगने के बाद क्या यह लापरवाही कम होगी या कुछ और होगा यह एक सबसे बड़ा सवाल है ?,अब गाजीपुर जिले में दूसरे जिम्मेदार और स्वच्छ छवि के पुलिस अधीक्षक की जरूरत है यह तो जांच का विषय है वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा घटना की जांच कर उचित निर्णय लेना जरूरी है, क्या ? लापरवाह पुलिस कर्मियों को निलंबित करने से समस्या यही पर समाप्त होगी, पेड़ की पत्ती काटने से काम नहीं चलेगा जड़ तक पहुंचना जरूरी है
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