क्या यही धर्म है?!...स्वामी प्रसाद और महंत... भारत स्वामी प्रसाद और महंत राजू दास में हुई हाथापाई, वीडियो हुआ वायरल

किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
लखनऊ। रामचरित मानस पर विवादित बयान देने वाले सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य और अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास के बीच हाथापाई हुई है। राजधानी के गोमतीनगर स्थित एक निजी चैनल के कार्यक्रम के दौरान दोनों लोगों के बीच हाथापाई हुई। जिसके बाद दोनों ही तरफ से आए समर्थक भी आपस में भिड़ गए। मौर्य ने आरोप लगाया है कि राजू दास और परमहंस ने उनके ऊपर तलवार से हमला किया है श्रद्धांजलि दरअसल, राजधानी के एक नामचीन होटल में आयोजित हुए एक निजी चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे ही अपनी बात खत्म कर स्टेज से नीचे आए तो सामने बैठे हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास से उनकी किसी बात पर बहस हो गई। बहस के बीच दोनों लोगों और उनके समर्थकों के बीच हाथापाई हो गई।

वहां मौजूद अन्य लोगों ने किसी तरह दोनो को अलग अलग किया। आयोजन स्थल से निकलने के बाद सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राजू दास और परमहंस ने उनकी हत्या करने की नियत से उनके ऊपर तलवार और बल्लम से हमला करने की कोशिश की थी। इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा राम चरित मानस और साधु संतों पर विवादित बयान देने पर राजू दास ने स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख रुपए के इनाम देने का ऐलान किया था। बीते दिनों स्वामी प्रसाद ने कहा था कि रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। एक न्यूज चैनल से बातचीत में मानस के एक अंश को उद्धृत करते हुए कहा, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ हो, लेकिन वह ब्राह्मण है। उसको पूजनीय कहा गया है। लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो, उसका सम्मान मत कीजिए। मौर्य ने सवाल उठाया, क्या यही धर्म है? जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो। उन्होंने संतों पर हमला बोलते हुए कहा, धर्म के ठेकेदार ही धर्म को बेच रहे हैं।मेहर समाज के लोगों ने समाज के नेता को विधानसभा चुनावों में टिकट देने की मांग की समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर टिप्पणी के बाद ट्वीट भी किया था। ट्वीट में स्वामी प्रसाद ने लिखा कि, 'धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों दलितों, पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूंगा। जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।' विवाद बढ़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने माफी मांगने से इनकार किया। उन्होंने कहा, कि 'दलितों, पिछड़ों के हक के लिए निरंतर संघर्ष करते रहेंगे'। जिसके बाद अयोध्या हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने कहा था कि, 'स्वामी प्रसाद कह रहे हैं कि हाथी चले बाजार और कुत्ते भूंके हजार। उन्होंने साधु-संतों और ब्राह्मणों को 'कुत्ता' कह दिया। इसके नाते हम अपील करते हैं और उनके ऊपर 21 लाख रुपए का इनाम घोषित करते हैं। जो कोई भी स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर तन से जुदा करेगा, उसको हम 21 लाख का इनाम देंगे। राजू दास ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि, उत्तर प्रदेश में जिसने भी रामचरितमानस की प्रति जलाई है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। नहीं तो हिंदू जनमानस खुद ही उनके ऊपर कार्रवाई करेगा।'
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